नई दिल्ली (New Delhi) । दिग्गज ई-कॉमर्स वेबसाइट फ्लिपकार्ट (Flipkart) के को-फाउंडर बिन्नी बंसल (Co-founder Binny Bansal) ने कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा (resign) दे दिया है। इसी के साथ बिन्नी बंसल का फ्लिपकार्ट के साथ 16 साल का सफर समाप्त हो गया है। बिन्नी ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचने के महीनों बाद पद छोड़ने का फैसला किया है। इससे कुछ साल पहले कंपनी के एक अन्य को-फाउंडर सचिन बंसल (Sachin Bansal) भी फ्लिपकार्ट से बाहर हो गए थे। अब सचिन बंसल एक फिनटेक वेंचर नवी के लिए काम कर रहे हैं। सचिन ने तब कंपनी को छोड़ा था, जब वॉलमार्ट ने कंपनी का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया था। वहीं, बिन्नी बंसल का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब उनके नई कंपनी शुरू करने की चर्चा चल रही थी। बीते दिनों ऐसी खबरें आ रही थीं कि बिन्नी बंसल ई-कॉमर्स सेक्टर में ही एक नई कंपनी शुरू करने की तैयारी में हैं।
बिन्नी बंसल ने इस्तीफा देते हुए क्या कहा
बिन्नी बंसल ने कंपनी के बोर्ड से इस्तीफा देते हुए कई अहम बातें कही हैं। उन्होंने कहा- मुझे पिछले 16 वर्षों में फ्लिपकार्ट समूह की उपलब्धियों पर गर्व है। फ्लिपकार्ट मजबूत स्थिति में है। कंपनी के पास एक मजबूत लीडरशिप और आगे बढ़ने का स्पष्ट रास्ता है। मैं कह सकता हूं कि कंपनी सक्षम हाथों में है। ऐसे में अलग हटने का फैसला किया है।
फ्लिपकार्ट बोर्ड के मेंबर लेह हॉपकिंस ने कहा कि हम भाग्यशाली रहे हैं कि 2018 में वॉलमार्ट के निवेश के बाद से बिन्नी बंसल बोर्ड में बने रहे। उनकी सलाह और दूरदर्शिता का हमें बहुत फायदा हुआ है। फ्लिपकार्ट के सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति ने कहा कि हम पिछले बिन्नी को आभार व्यक्त करते हैं। उनकी वजह से कंपनी ने मजबूती से विस्तार किया है।
2007 में शुरुआत
बता दें कि फ्लिपकार्ट की शुरुआत 2007 में हुई थी। इस कंपनी को सचिन और बिन्नी बंसल ने शुरू किया था। शुरुआती दिनों में बेंगलुरु के एक अपार्टमेंट से ऑनलाइन बुकस्टोर के रूप में कंपनी का काम होता था। करीब 16 साल बाद आज फ्लिपकार्ट देश की लीडिंग ई-कॉमर्स वेबसाइट है। फ्लिपकार्ट को अमेरिका के रिटेल चेन वॉलमार्ट का समर्थन है। भारत में इस कंपनी की प्रमुख प्रतिद्वंदी अमेजन है। ऐसा अनुमान है कि कंपनी का आईपीओ साल 2025 तक लॉन्च हो जाएगा। इसके जरिए कंपनी शेयर बाजार में लिस्टेड होगी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved