नई दिल्ली (New Delhi) । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) एक फरवरी को आम चुनाव से पहले अंतरिम बजट (Budget) पेश करेंगी। वैसे तो यह बजट कुछ महीनों के लिए होगा लेकिन इसमें चुनाव को देखते हुए कई बड़े ऐलान हो सकते हैं। वहीं, अलग-अलग इंडस्ट्री (industry) के लोगों को भी बजट से कई उम्मीदें हैं। आइए सिलसिलेवार देख लेते हैं कि वित्त मंत्री से किस सेक्टर के लोग क्या डिमांड कर रहे हैं।
कृषि, ग्रामीण भारत पर फोकस
बिकानो, बीकानेरवाला फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर मनीष अग्रवाल ने कहा- हम बजट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं क्योंकि भारत में FMCG इंडस्ट्री 2023 के मुश्किल दौर से गुजरने के बाद इस बजट में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद कर रही है। हम आगामी बजट में कृषि पर सरकार के फोकस की उम्मीद कर रहे हैं। यह ग्रामीण क्षेत्रों के विकास, ग्रामीण क्षेत्रों में आय में वृद्धि की संभावना और ओवरआल बिजनेस एक्सपैंशन के लिए बहुत ज्यादा महत्व रखता है। कृषि एक्सेलेरेटर फंड के लिए अतिरिक्त फंडिंग होने से खेती के तौर-तरीकों को बेहतर बनाने खास करके स्टोरेज सुविधाओं को बढ़ाने के लिए नई तकनीक का उपयोग करने का प्रयास होना चाहिए। इससे भंडारण संबंधी समस्या खत्म हो सकती है। किसानों और FMCG सेक्टर को लाभ होगा।
मनीष अग्रवाल आगे कहते हैं- हम सरकार से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए पर्याप्त निवेश करने की मांग करते हैं। ग्रामीण नौकरियों के लिए माहौल बनाकर और सरकारी खर्च बढ़ाकर, हम ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा मांग को बढ़ा सकते हैं। ग्रामीण बुनियादी ढांचे में सुधार और प्रोडक्ट-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजनाओं को लागू करने के लिए ज्यादा फंड आवंटित करके इस प्रभाव को बढ़ाया जा सकता है। हम टेक्नोलॉजी के इंटीग्रेशन पर भी ज्यादा ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद कर रहे हैं। इसका लाभ FMCG सेक्टर को मिलेगा।
ऑटो एलपीजी पर फोकस की मांग
पर्यावरण की खराब होती स्थिति और हमारे ऊपर इसके खतरनाक प्रभावों को देखते हुए सरकार द्वारा इस पर कठोर नियम या नीति लागू करने की तत्काल आवश्यकता है। चूंकि ऑटो एलपीजी जैसे वैकल्पिक ईंधन पूरी दुनिया में तीसरे सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला ऑटोमोटिव ईंधन है और इस तरह का ईधन सस्ता होता है तथा इसके उपयोग से वायु की गुणवत्ता में सुधार भी देखने को मिलता है। बजट के जरिए मूल उपकरण निर्माता यानी OEM को किफायती कीमतों पर एलपीजी वाहन पेश करने के लिए प्रभावी ढंग से प्रोत्साहित करना चाहिए जिससे ग्राहकों में एलपीजी वाहनों की मांग बढ़ेगी और इसे तेजी से अपनाया जाएगा।
ऑटो एलपीजी और एलपीजी कन्वर्जन किट पर जीएसटी कम करने के साथ -साथ बाद के लिए एप्रूवल मानदंडों में छूट पर 2024-25 के बजट में विचार किया जा सकता है। पेट्रोल और डीजल वाहनों को ऑटो एलपीजी में बदलने को प्रोत्साहित करके प्रदूषण को कम करना एक गेमचेंजर कदम साबित हो सकता है।
स्टेटिक के CEO और संस्थापक अक्षित बंसल ने कहा कि ऑटो सेक्टर पर्यावरण संबंधी परिवर्तनकारी सुधारों को लेकर बजट से उम्मीदें लगाए हुए है। इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग कंपनियों के लिए तैयार की गई प्रोडक्ट-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजनाओं का कार्यान्वयन सबसे जरूरी है। इलेक्ट्रिक व्हीकल इन्फ्रास्ट्रक्चर के बढ़ने से भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को व्यापक रूप से अपनाने में तेजी आएगी और अगर सरकार वित्तीय प्रोत्साहन देती है तो निस्संदेह हमारे चार्जिंग नेटवर्क के विस्तार में भी तेजी आएगी।
टैक्स में सुधार की उम्मीद
अक्षित बंसल ने कहा कि टैक्स में सुधार की आशा है जो न केवल हमारे इंडस्ट्री को सपोर्ट करेगा बल्कि उपभोक्ताओं को इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। सर्कुलर इकोनॉमी उपायों को भी बजट में प्रमुख स्थान मिलना चाहिए, रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देना, वेस्ट में कमी और मैन्युफैक्चरिंग में इको फ्रेंडली सामग्री का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) योजना को अगले 5 सालों के लिए जारी रखना बहुत जरूरी है। बता दें कि यह योजना मार्च तक ही है।
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