नई दिल्ली (New Delhi) । यमन (Yemen) के हूती आतंकवादियों (Houthi terrorists) की हरकतें लगातार जारी हैं। अब उन्होंने ब्रिटिश तेल टैंकर एमवी मार्लिन लुआंडा (British oil tanker MV Marlin Luanda) पर मिसाइल दागी (missile attack) है। इस हमले की वजह से टैंकर में आग लग गई। यह अदन की खाड़ी के प्रमुख नौवहन मार्ग में ईरान समर्थित समूह से जुड़ी नई घटना है। आग बुझाने के प्रयासों में मदद के लिए भारतीय नौसेना ने भी अपनी एक टीम भेज दी है। नेवी ने बताया कि उसके निर्देशित मिसाइल विध्वंसक INS विशाखापत्तनम ने एमवी मार्लिन लुआंडा पर अग्निशमन प्रयासों के लिए एक टीम तैनात की है, जिसके चालक दल के सदस्यों में 22 भारतीय और एक बांग्लादेशी है।
नौसेना के प्रवक्ता ने कहा कि आग बुझाने में मदद के लिए एमवी मार्लिन लुआंडा की ओर से अपील की गई थी। इसके बाद आईएनएस विशाखापत्तनम ने अग्निशमन उपकरणों के साथ अपनी एनबीसीडी टीम को तैनात किया है। भारतीय नौसेना ने कहा, ‘हम एमवी (व्यापारिक जहाजों) की सुरक्षा और समुद्र में जीवन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रति दृढ़ और प्रतिबद्ध हैं।’ खबरों के अनुसार, ब्रिटिश तेल टैंकर के संचालक ने कहा कि जहाज के लाल सागर पार करने के बाद अदन की खाड़ी में उस पर एक मिसाइल से हमला किया गया था।
भारतीय नौसेना ने तैनात किए विध्वंसक और पोत
व्यापारिक जहाजों पर हमलों की हालिया घटनाओं के मद्देनजर भारतीय नौसेना ने अरब सागर और अदन की खाड़ी में विध्वंसक और पोत तैनात किए हैं, जिससे निगरानी तंत्र को काफी बढ़ा दिया गया है। इस महीने की शुरुआत में भारतीय नौसेना ने 17 जनवरी की रात को अदन की खाड़ी में एमवी जेनको पिकार्डी पर ड्रोन हमले के बाद उसके संकटकालीन कॉल का जवाब दिया था। 5 जनवरी को इसने लाइबेरिया के ध्वज वाले जहाज एमवी लीला नॉरफोक के उत्तरी अरब सागर में अपहरण के प्रयास को विफल कर दिया था और उसके सभी चालक दल के सदस्यों को बचाया था।
इससे पहले, 21 भारतीय चालक दल के सदस्यों वाले लाइबेरिया के ध्वज वाले जहाज एमवी केम प्लूटो को निशाना बनाया गया था। 23 दिसंबर को भारत के पश्चिमी तट के पास उस पर ड्रोन हमला हुआ था। एमवी केम प्लूटो के अलावा, एक अन्य वाणिज्यिक तेल टैंकर जो भारत की ओर आ रहा था, उसी दिन दक्षिणी लाल सागर में एक संदिग्ध ड्रोन हमले का शिकार हो गया। जहाज पर 25 भारतीयों का दल था।
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