इंदौर। प्रदेश की सबसे बड़ी चोइथराम सब्जी मंडी में इन दिनों सब्जियों की भरपूर आवक हो रही है। महाराष्ट्र, गुजरात के साथ निमाड़ और लोकल सब्जियों की भी आवक भरपूर हो रही है। प्रदेश के बाहर से 20 से 25 छोटी-बड़ी गाडिय़ां मंडी में रोजाना पहुंच रही हैं। कल 26 जनवरी का अवकाश होने के बाद आज मंडी में और ज्यादा सब्जियों की आवक रही।
जनवरी के महीने में लोकल सब्जियों की आवक शुरू हो जाती है और सब्जियों के दाम कम होने की उम्मीद उपभोक्ताओं को रहती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। अमूमन 35 से 40 किलो के करीब या इससे ज्यादा भी सब्जियों के दाम चल रहे हैं। मैथी, पालक भी 20 से 35 रुपए के करीब ही खेरची में बिक रहा है। हालांकि थोक मंडी में सब्जियों के दाम 15 से लगाकर 30 रु. किलो तक बताए जा रहे हैं। इस बार बंैगन 20 रु. किलो से ऊपर थोक में बिक रहा है, जो सबके लिए आश्चर्य का कारण बना हुआ है गुजरात और दक्षिण भारत से आने वाली सूरजना फली 70 रु. प्रतिकिलो थोक में बिक रही है। उत्पादक किसान मंडी में दाम नहीं मिलने के कारण अपनी परेशानी बता रहे हैं कि लागत नहीं निकल रही तो इधर उपयोग करने वाला आम उपभोक्ता महंगी सब्जी से राहत के इंतजार में है। फिलहाल आम उपभोक्ताओं को सब्जी महंगी ही खरीदना पड़ रही है।
धुंध ओर कोहरे से बिगड़ी क्वालिटी
इस बार मौसम का मिजाज बदला हुआ रहा। दिसंबर और जनवरी में तीन से चार बार अलग-अलग स्थान पर मावठे की बारिश हुई थी। इसके कारण भी पत्तेदार सब्जियों में नुकसान बताया जा रहा है। साथ ही कोहरे और धुंध ने भी सब्जियों के पौधों को नुकसान पहुंचाया है, जिसके कारण क्वालिटी की सब्जियां कम बन पा रही हैं। फूलगोभी, पालक महंगी होने और अच्छी क्वालिटी नहीं बनने के पीछे यही कारण बताया जा रहा है।
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