नई दिल्ली: देश आज अपना 75वां गणतंत्र दिवस (75th republic day) मना रहा है. अब से कुछ दिन बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) अंतरिम बजट (interim budget) पेश करेंगी. वैसे तो अंतरिम बजट में बहुत ज्यादा बड़े बदलाव करने की परंपरा नहीं है, लेकिन इसके बावजूद देश के मिडिल क्लास (middle class) को इस बजट से ये 4 उम्मीदें हैं. भारत का मिडिल क्लास लगातार ग्रोथ कर रहा है. ये देश की इकोनॉमिक ग्रोथ के लिए भी बेहद जरूरी है, क्योंकि हर तरह के मार्केट को आगे बढ़ाने में मिडिल क्लास की अहम भूमिका होती है. ऐसे में देखना होगा कि क्या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण उनकी उम्मीदों को पूरा करती हैं.
इनकम टैक्स में राहत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले बजट में ‘न्यू टैक्स रिजीम’ के तहत टैक्स फ्री इनकम की लिमिट 7.5 लाख रुपए तक कर दी थी. लेकिन पुरानी टैक्स व्यवस्था को लेकर कोई बदलाव नहीं किया. पुरानी टैक्स व्यवस्था में लोग कई तरह की बचत और होम लोन इत्यादि पर टैक्स छूट लेते हैं. मिडिल क्लास के बीच बचत करने का एक बहाना टैक्स छूट भी होता है. ऐसे में उसे उम्मीद है कि इस बार सरकार टैक्स, होम लोन इत्यादि को लेकर छूट की लिमिट को बढ़ाए.
बजट जॉब्स देने वाला हो
बजट से मिडिल क्लास को एक उम्मीद और है. वो ये कि बजट में ज्यादा से ज्यादा जॉब्स क्रिएशन पर ध्यान दिया जाए. बजट में ऐसी नीतियां आए जो ‘मिडिल इनकम ग्रुप’ रेंज में आने वाले लोगों के लिए फायदेमंद हों. आने वाले समय में देश नए लोकसभा चुनाव में जुटेगा. ऐसे में सरकार से इस क्षेत्र में काम करने की उम्मीद की जा सकती है.
महंगाई से दिलाए राहत
मिडिल क्लास बजट में महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद भी करती है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अथक प्रयासों के बाद भी महंगाई अब भी 5 से 6 प्रतिशत की रेंज में बनी हुई है. फूड इंफ्लेशन भी 7 से 9 प्रतिशत के बीच बनी हुई है. दिसंबर में महंगाई ने पिछले 4 महीने के हाई को टच कर लिया. ऐसे में मिडिल क्लास को महंगाई से राहत की उम्मीद है.
शिक्षा, हेल्थ और मकान
मिडिल क्लास को देश का ‘आम आदमी’ भी कहा जाता है. ऐसे में उसकी बुनियादी जरूरतें अब ‘शिक्षा, हेल्थ और मकान’ हो चुकी है. मिडिल क्लास बजट में अफॉर्डेबल हाउसिंग स्कीम से लेकर एजुकेशन के लिए बढ़िया पॉलिसी और बेहतर हेल्थ कवरेज मिलने की उम्मीद रखता है. देश में अभी उपलब्ध हाउसिंग इवेंट्री में अफॉर्डेबल हाउसिंग की काफी कमी है, जबकि लग्जरी होम सेगमेंट उसकी लिमिट से बाहर होता जा रहा है.
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