इंदौर: दहेज (Dowry) में बाइक के लिए पत्नी को प्रताडित कर आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने वाले पति को कोर्ट ने 10 वर्ष सश्रम कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई. चतुर्थ अपर सत्र न्यायालय जयदीप सिंह की कोर्ट ने आरोपी कमलेश उर्फ मन्नु आयु 35 वर्ष, निवासी गणेशनगर इंदौर को धारा 304 बी भा.दं.सं. में 10 वर्ष सश्रम कारावास, धारा 3 दहेज प्रतिषेध अधिनियम में 5 वर्ष का सश्रम कारावास तथा धारा 498 ए भा.दं.सं. में 2 वर्ष का सश्रम कारावास व 16000 रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया. प्रकरण में पैरवी अपर लोक अभियोजक हेमन्त राठौर द्वारा की गई.
जिला लोक अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि दिनांक 05.02.2014 को एक महिला शत-प्रतिशत जलने से मौत हो गई. हीरानगर पुलिस ने मृतिका के पिता एवं माता के कथन लेखबद्ध किये, जिसमें उन्होंने बताया कि मृतिका की शादी आरोपी कमलेश उर्फ मुन्नू के साथ दिनांक 25.04.2012 को हुई थी व शादी में अपने सामर्थ्य अनुसार दहेज दिया था, करीब 7 माह से मृतिका अपने पति व बच्चे के साथ ससुराल से अलग-अलग मकान बदलकर रह रही थी. दहेज में बाइक के लिए आरोपी द्वारा शराब पीकर प्रताड़ना और मारपीट से दुःखी होकर उसने तंग आकर आग लगा ली. उसे एम.वाय. अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां मृतिका की ईलाज के दौरान मृत्यु हो गई. मृतिका के माता-पिता के उक्त कथनों के आधार पर आरोपी के विरूद्ध उक्त केस दर्ज किया गया था.
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