इंदौर। इंदौर-हरदा-बैतूल फोरलेन प्रोजेक्ट के निर्माण में 800 से ज्यादा पेड़ बाधक बने हुए हैं। उन्हें काटने और शिफ्टिंग के लिए नेशनल हाईवेज अथॉरिटी आफ इंडिया (एनएचएआई) ने नगर निगम से अनुमति मांगी है। उम्मीद है कि आठ-10 दिन में अनुमति मिल जाएगी और फरवरी से पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने या उनकी कटिंग का काम शुरू हो जाएगा।
एनएचएआई अफसरों का कहना है कि एमआर-10 जंक्शन पर जो थ्री लेयर फ्लायओवर बनाया जा रहा है, उसका सबसे निचला हिस्सा इंदौर-हरदा-बैतूल नेशनल हाईवे का है। जंक्शन और आसपास के हिस्सों में यह भूमिगत होगा। वहां निर्माण करने में सैकड़ों छोटे-बड़े पेड़ बाधक बने हुए हैं। अब फ्लायओवर का काम शुरू हो गया है और काम जल्दी पूरा करने के लिए पेड़ हटाना जरूरी हैं। पेड़ हटने से बायपास के दोनों तरफ एप्रोच रोड बनाई जा सकेगी।
यथासंभव पेड़ ट्रांसप्लांट करेंगे, लाइन बिछाने में भी हैं बाधक
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल ने बताया कि एमआर-10 जंक्शन पर थ्री लेयर फ्लायओवर प्रोजेक्ट के तहत इंदौर-हरदा फोरलेन रोड बनाया जाना है। उसके निर्माण में लगभग 810 पेड़ हटाए जाना हैं। पेड़ हटने से न केवल सडक़ बन सकेगी, बल्कि अंडरपास में पानी निकासी के लिए लाइन भी बिछाई जा सकेगी।
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