इंदौर, राजेश ज्वेल। जिस तरह अयोध्या में कल रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा भव्यतम् तरीके से की गई और पूरे देश और दुनिया में उसका जबरदस्त प्रचार-प्रसार तो हुआ ही, वहीं यह पहला मौका है जब पूरे देश ने दूसरी बार दीपावली मनाई। आम जनता का उत्साह, उमंग और उल्लास देखते ही बनता था, जिससे भाजपा के आला नेताओं से लेकर कार्यकर्ता गदगद हैं और उनका पूरा भरोसा है कि इस लोकसभा चुनाव में पार्टी ने जो 400 पार सीटों का नारा दिया है वह लक्ष्य रामजी के सहारे पूरा हो जाएगा। यानी भाजपा का बेड़ा पार तो प्रभु राम कर देंगे। वहीं भौंचक कांग्रेस को कुछ सुझ-समझ ही नहीं पड़ रही है। सोशल मीडिया पर भी उसकी खिल्ली उड़ाई जा रही है। हालांकि जगह-जगह कांग्रेसियों ने भी राममय होने और दिखने के आयोजन किए। मगर जनता जनार्दन में तो यह संदेश स्पष्ट रूप से चला गया कि भाजपा ने ही राम मंदिर का अपना किया गया वायदा पूरा किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ही अब राम राज्य भी ला सकते हैं।
प्राण-प्रतिष्ठा के रूप में उसकी पूर्णाहुति तो हो गई, मगर अब उसके प्रतिफल की बारी लोकसभा चुनाव में आना है। चूंकि बीते कई चुनावों में भी भाजपा राम मंदिर के मुद्दे को भुनाती रही है और अब तो वह खम्भ ठोंककर कह रही है कि ना सिर्फ मंदिर बनाया, बल्कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भी कर दी। सोशल मीडिया पर समर्थकों ने कल से ही इस तरह की पोस्ट डालना शुरू कर दी है कि अब क्या चुनाव करवाने की आवश्यकता है या सीधे ही शपथ ग्रहण करवा दिया जाए और वाकई ऐसा माहौल बन भी गया है, जिसमें कांग्रेस को खलनायक की तरह जनता जनार्दन के सामने प्रस्तुत कर दिया है। एक बड़ी भूल कांग्रेस के आलाकमान ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल ना होने की भी कर दी, जिसकी भी जमकर आलोचना हुई और खुद कांग्रेसियों ने ही माना कि यह निर्णय पांव पर कुल्हाड़ी मारने वाला नहीं, बल्कि कुल्हाड़ी पर पांव मारने वाला साबित हुआ है। हालांकि जगह-जगह कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राममय होने के प्रयास भी किए। इंदौर से लेकर प्रदेशभर के कांग्रेस नेताओं ने अपने-अपने क्षेत्रों में सुंदरकांड पाठ, महाआरती, भंडारे भी करवाए। मगर भाजपा के मजबूत आईटी सेल कार्यकर्ताओं, संगठन के नेटवर्क और सोशल मीडिया पर उसके कब्जे के चलते इन आयोजनों के जरिए कांग्रेस की उलटी खिल्ली ही उड़ाई जाती रही। भाजपा ने 400 पार का नारा दिया है। लोगों का कहना है कि इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा 400 से अधिक सीटें जीतने का रिकॉर्ड भी बना सकती है।
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