अयोध्या: अयोध्या में रामलला का आगमन (Arrival of Ramlala in Ayodhya) हो चुका है. नए बने मंदिर में आर आज रामलला विराजमान (Ramlala seated) हो चुके हैं और उनकी प्राण प्रतिष्ठा भी संपन्न (blessed with life) हो गई है. अवध में राम के आगमन के साथ ही पूरा देश राममय हो गया है. शाम होते ही पूरा देश दीयों से जगमग हो उठा है जैसे मानों दीपावली मनाई जा रही है. अयोध्या समेत पूरा देश में दीपोत्सव की धूम (festival of lights celebration) है.
शाम होते ही पूरा देश दीयों से जगमग हो उठा है. लोग दीपावली की ही तरह अपने घरों को दीयों और लाइटों से सजा दिए हैं. इसके साथ-साथ आतिशबाजी भी देखने को मिली है. लोग अपने घरों की बालकनियों से लेकर छतों तक पर दीपक जला रहे हैं. पीएम मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले अयोध्या में एयरपोर्ट और अन्य विकास कार्यों के उद्घाटन के वक्त 22 जनवरी को दीपावली मनाने की अपील की थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद अपने आवास यानी पीएमओ में दीपक जलाएंगे. इसका मतलब है कि पीएम आवास में भी आज दीपावली मनाएगी जाएगी. पीएम मोदी श्रीराम ज्योति जलाएंगे. पीएम के साथ-साथ कैबिनेट में उनके सहयोगी भी अपने आवास पर भगवान राम के अयोध्या आगमन पर श्रीराम ज्योति जलाते हुए नजर आएंगे. प्रधानमंत्री ने ट्वीट करते हुए कहा है कि कहा है कि इस पुनीत अवसर पर सभी देशवासियों से मेरा आग्रह है कि रामज्योति प्रज्वलित कर अपने घरों में भी रामलला का स्वागत करें. जय सियाराम!
भगवान राम के आगमन को देखते हुए देशभर के करीब-करीब हर छोटे बंड़े मंदिरों को भी सजा दिया गया है. प्राण प्रतिष्ठा के वक्त कई मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना भी की गई. अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के वक्त देश के अधिकतर मंदिरों में भंडारे का आयोजन किया गया, जहां लोग भगवान का प्रसाद ग्रहण करते हुए नजर आए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को एक नए युक के आगमन का प्रतीक करार दिया. इसके साथ-साथ पीएम ने लोगों से 1000 सालों के मजबूत, भव्य और दिव्य भारत की नींव बनाने का आह्वान किया. सियावर रामचंद्र की जय और जय श्री राम के उद्घोष के साथ पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का यह अवसर केवल जीत का नहीं बल्कि विनम्रता का भी है. उन्होंने कहा कि राम मंदिर समृद्ध और विकसित भारत के उदय का गवाह बनेगा.
पीएम ने आगे कहा, हमें आज से अगले 1000 साल के भारत की नींव रखनी है. मंदिर निर्माण से आगे बढ़कर हम सभी देशवासी अभी से समर्थ, सक्षम, भव्य, दिव्य भारत के निर्माण की सौंगध लेंते हैं. वह अभी भी गर्भगृह के भीतर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान अनुभव किए गए दिव्य स्पंदनों को महसूस कर सकते हैं.
अयोध्या में बने मंदिर का पारंपरिक नागर शैली में निर्माण किया गया है. पूर्व से पश्चिम मंदिर की लंबाई 380 फुट है जबकि चौड़ाई 250 फुट और ऊंचाई 161 फुट आकार का है. पूरा मंदिर 392 स्तंभों पर टिहा है और इसमें कुल 44 दरवाजे हैं. हालांकि, मंदिर के निर्माण का काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है. मंदिर के कई हिस्सों का अभी निर्माण किया जाना है.
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