नई दिल्ली: चेक फ्रॉड मामले में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) ने बड़ा फैसला देते हुए एक्सिस बैंक को धोखाधड़ी के शिकार हुए पांच व्यक्तियों को 73.93 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया गया है. यह राशि फ्रॉड का शिकार हुए पांच पीड़ितों को दी जाएगी. 15 साल लंबे चले इस मामले में अब जाकर सुनवाई पूरी हुई है.
क्या है पूरा मामला
24 मई 2008 को चेक फ्रॉड का शिकार हुआ एक पीड़ित अपने बैंक खाते से कुछ पैसे निकालने पहुंचे था. उस समय व्यक्ति के खाते में 11.93 लाख रुपये थे, लेकिन बाद में बैंक ने उन्हें जानकारी दी कि उनके खाते में उस वक्त केवल 10,000 रुपये बचे थे. ऐसे में मामले की जांच करने पर यह पता चला कि किसी गुरविंदर सिंह नाम के व्यक्ति ने एक फर्जी चेक लगाकर पीड़ित के खाते से 11.83 लाख रुपये निकाल लिए थे. इसकी जानकारी खाताधारक को नहीं लगी. ऐसी ही चार और घटनाएं सामने आई थीं, जिसमें फर्जी चेक के जरिए ग्राहकों के खाते से कुल 68.93 लाख रुपये निकाल लिए गए.
चेक फ्रॉड के मामले में एक्सिस बैंक ने क्या किया?
चेक फ्रॉड के मामले में जानकारी मिलने पर एक्सिस बैंक ने मुख्य संदिग्ध गुरविंदर सिंह के खिलाफ धारा 420, 468, 471 और 120-बी के तहत एफआईआर दर्ज कराई. बैंक ने इस चेक फ्रॉड की जानकारी रिजर्व बैंक को भी दी थी. इसके बाद एक्सिस बैंक ने मामले की जांच के लिए एक स्पेशल टीम का भी गठन किया था. इस टीम का गठन 14 जुलाई, 2008 को हुआ था.
टीम ने अपनी जांच में पाया था कि सभी खातों को खोलने में केवाईसी नियमों का पालन किया गया था. एक्सिस बैंक ने अपने स्टाफ का बचाव करते हुए कहा कि उसके बैंक अधिकारियों ने किसी भी गलत इरादे से कार्य नहीं किया था. बैंक ने NCDRC ने में सफाई पेश करते है कहा कि उसने मामले में तुरंत एफआईआर दर्ज करने से लेकर जांच तक सभी जिम्मेदारी को पूरा किया है.
NCDRC ने दिया ये आदेश
पीड़ित पक्ष ने चेक फ्रॉड के मामले में लंबी लड़ाई की. जिला उपभोक्ता फोरम, राज्य उपभोक्ता आयोग, सुप्रीम कोर्ट से होते हुए यह मामला एनसीडीआरसी तक जा पहुंचा. एनसीडीआरसी ने राज्य उपभोक्ता आयोग के आदेश को ही लागू रखते हुए कहा कि वोटर कार्ड, बिजली बिल, फोन बिल, पासपोर्ट आदि डॉक्यूमेंट्स मिलने के बाद भी बैंक ने केवाईसी की प्रक्रिया को पूरा नहीं किया था. ऐसे में NCDRC ने बैंक को धोखाधड़ी से निकाले गए 68.93 लाख रुपये चुकाने के अलावा 5 लाख रुपये बतौर जुर्माना पांचों शिकायतकर्ताओं को देने का आदेश दिया है.
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