तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram)। दक्षिण भारत (South India) का प्रसिद्ध सबरीमाला भगवान अयप्पा मंदिर (Famous Sabarimala Lord Ayyappa Temple) हिंदू आस्था का मुख्य केंद्र है। इस बार मंदिर आने वाले भक्तों की संख्या में रिकॉर्ड इजाफा (Record increase number of devotees) दर्ज हुआ है। मंदिर पतनमतिट्टा जिले के पेरियार टाइगर अभयारण्य के अंदर सबरिमलय पहाड़ पर स्थित है।
भक्तों की संख्या में पांच लाख भक्तों का इजाफा
सबरीमाला मंदिर का प्रबंधन करने वाले त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड (टीडीबी) अध्यक्ष पी एस प्रशांत ने शनिवार को बताया कि मंदिर में मंडलम-मकरविलक्कू के दो महीने की खास मान्यता है। इन दो महीनों में भक्त अधिक संख्या में भगवान अयप्पा के दर्शन करने यहां आते हैं। सिर्फ इन दो महीनों में 50 लाख भक्तों ने भगवान अयप्पा के दर्शन किए। पिछले वर्ष के मुकाबले पांच लाख अधिक भक्त मंदिर आए हैं। पिछले वर्ष इन दो महीनों में 44 लाख (44,16,219) भक्त दर्शन करने मंदिर आए थे।
मंदिर के राजस्व में भी इजाफा
टीबीडी ने बताया कि इन दो महीनों में मंदिर के राजस्व में भी रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। इस बार मंडल-मकरविलक्कू के दो माह में मंदिर में कुल 357.47 करोड़ रुपये चढ़ाए गए हैं। यह पिछले वर्ष की तुलना में 10 करोड़ रुपये अधिक है। अध्यक्ष प्रशांत ने कहा कि इस बार मंदिर में भक्तों में हुआ इजाफा, यह साबित करता है कि लोग अब आध्यात्म की ओर बढ़ रहे हैं। अध्यात्मिक भागीदारी बढ़ रही है।
मंडल-मकरविलक्कू के दौरान तीर्थयात्रियों को हुई खासा परेशानी
इस वर्ष मंडल-मकरविलक्कू के दौरान काफी अव्यवस्थाएं सामने आईं। कांग्रेस ने राज्य की विजयन सरकार की इसके लिए आलोचना भी की थी। कांग्रेस का आरोप है कि तीर्थयात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को बुनियादी सुविधाएं देने में भी केरल सरकार विफल रही। कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष वीडी सतीशन ने राज्य सरकार से आग्रह किया कि सबरीमाला में तीर्थयात्रियों के लिए बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराई जाए। सतीशन ने कहा कि मंदिर के इतिहास में पहली बार श्रद्धालुओं को तीर्थयात्रा को बीच में ही छोड़कर जाना पड़ा। यह कष्टदाई और दुखद है। लोगों को कतारों में 15 से 20 घंटे लगाने पड़ रहे हैं। कतारों में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग बिना कुछ खाए हुए लगे हुए हैं।
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