भोपाल: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में ग्रीन कैपिटल शहर का निर्माण (building a green capital city) होगा. बता दें कि भोपाल, इंदौर और ग्वालियर (Bhopal, Indore and Gwalior) को ग्रीन कैपिटल शहर (green capital city) बनाया जाएगा. भोपाल (Bhopal) के 25 हजार स्पॉट पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे. वहीं 25 हजार स्पॉट पर लगे सोलर पैनल से 1100 मेगावाट सोलर बिजली बनेगी. बता दें कि भोपाल में मौजूदा वक्त में 2000 मेगावाट विद्युत की खपत है.
भोपाल को सोलर सिटी ग्रीन कैपिटल शहर बनाने के लिए 1100 मेगावाट सोलर एनर्जी यूनिट की स्थापना की जाएगी. संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने कार्यालय में आयोजित बैठक के दौरान कहा कि, सभी 21 जोन में सोलर पैनल लगाने के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसके अलावा स्कूल और कॉलेज में भी सोलर पैनल लगाए जाएंगे. बैठक में महापौर मालती राय, प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे, कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह, ऊर्जा विकास निगम के एमडी गणेश शंकर, आयुक्त नगर निगम फ्रैंक नोबल ए सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
संभागायुक्त ने बैठक में बताया गया कि भोपाल और इंदौर के अलावा उज्जैन को सोलर सिटी बनाने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए अब काम शुरू किया जाना है. इसके अलावा दो महीने में लगभग 25 हजार स्थानों पर सोलर पैनल लगाने के प्रयास किए जाएंगे. भोपाल में वर्तमान में दो हजार मेगावाट विद्युत की खपत है.
गौरतलब है कि भोपाल स्मार्ट सिटी ने 95 प्रतिशत प्रोजेक्ट्स पूरे कर लिए हैं. सरकार ने इस सिटी को 990 करोड़ दिए थे, जिसमें से 987.61 करोड़ खर्च हो चुके हैं. इंदौर ने 90 फीसदी प्रोजेक्ट पूरे कर 885.45 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. वहीं साल 2023 में ग्वालियर, उज्जैन, सागर और सतना को स्मार्ट शहर के विकास और निर्माण कार्य के लिए सौ फीसदी टेंडर जारी किए गए थे. वर्ष 2023 के मुताबिक सतना स्मार्ट सिटी का काम पीछे है.
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