इंदौर। पश्चिमी रिंग रोड के बाद अब शहर के पूर्वी क्षेत्र में भी नई रिंग रोड के निर्माण की कवायद शुरू होने वाली है। नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने आंतरिक रूप से इसकी तैयारियां चालू कर दी हैं। फरवरी में जमीन अधिग्रहण को लेकर पहला नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा। पूर्वी हिस्से में बनने वाली नई रिंग रोड लगभग 71 किलोमीटर लंबी होगी और इसके लिए लगभग 640 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है।
इसके साथ ही राजस्व विभाग के अफसरों की मदद से पूर्वी रिंग रोड की जद में आने वाली जमीनों, गांव और खसरा नंबरों का सत्यापन कार्य शुरू कर दिया जाएगा। आधिकारिक सूत्र बता रहे हैं कि फरवरी के पहले हफ्ते में सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय इंदौर की पूर्वी रिंग रोड के लिए पहला नोटिफिकेशन जारी करेगा। पश्चिमी क्षेत्र की 64 किमी लंबी रिंग रोड की ही तरह इसे पहले चरण में सिक्स लेन चौड़ा बनाने की तैयारी है। पहले माना जा रहा था कि पहले मंत्रालय पश्चिमी रिंग बनाएगा और उसके बाद पूर्वी रिंग रोड का नंबर आएगा। ऐसी संभावना इसलिए थी, क्योंकि पश्चिमी क्षेत्र में रिंग रोड है नहीं, जबकि पूर्वी क्षेत्र में रिंग रोड और बायपास दोनों हैं।
शिप्रा से नेट्रिप तक बनेगा पूर्वी रिंग रोड… 600 करोड़ का मुआवजा बंटेगा
एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सुमेश बांझल ने बताया कि पूर्वी रिंग रोड भी पश्चिमी रिंग रोड की तरह शिप्रा से पीथमपुर के पास स्थित नेट्रिप ( नेशनल ऑटो टेस्टिंग ट्रैक) के बीच बनाई जाएगी। इसके लिए भी जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया जल्द शुरू करने का लक्ष्य तय किया गया है। जमीन के बदले भूस्वामियों और किसानों को लगभग 600 करोड़ का मुआवजा बांटा जाएगा। रिंग रोड एबी रोड (आगरा-मुंबई हाईवे) को निर्माणाधीन इंदौर-हरदा-बैतूल और इंदौर-अकोला फोरलेन नेशनल हाईवे से जोड़ते हुए रिंग बनाएगी। एक साथ दोनों तरफ की रिंग रोड बनने से चारों दिशाओं से आने-जाने वाले भारी वाहन शहर के बाहर ही बाहर से गंतव्य की ओर गुजर सकेंगे।
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