इंदौर। इंदौर जिले सहित प्रदेश में पेंशनधारियों को ठगने वाली गैंग सक्रिय है। मैं जिंदा हूं…का प्रमाण पत्र पाने के लिए बुजुर्गों द्वारा आधार कार्ड सेंटरों व कियोस्क सेंटरों पर जाने से बचने और घर बैठे प्रमाण पत्र लेने के लालच में अपनी महत्वपूर्ण जानकारी ठगने वालों से साझा की जा रही है, जिसके कारण शहर में प्रकरण बढ़ते जा रहे हैं।
जिला पेंशन अधिकारी ने साइबर अपराधियों द्वारा पेंशनधारियों के जीवन प्रमाण पत्र को ऑनलाइन अपडेट करने का झांसा देकर ठगने की घटनाओं पर संज्ञान लेकर अपील जारी की है। उन्होंने पेंशनधारियों से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल पर ओटीपी व अपनी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी साझा न करें। ज्ञात हो कि अपराधियों के पास पेंशनधारियों की पूरी जानकारी मय नियुक्ति दिनांक, पीपीओ नंबर, आधार नंबर के साथ साथ सेवानिवृत्ति की तारीख तक है, जिसके चलते आसानी से बुजुर्गों को टारगेट किया जा रहा है।
ओटीपी कर रहे साझा
अधिकारियों के अनुसार कई घटनाओं में सामने आया है कि साइबर अपराधी पेंशन निदेशालय का हवाला देकर पूरे डाटा की जानकारी देते हैं और विश्वास में लेकर ओटीपी साझा करने की बात कहते हैं। पेंशनधारी भी इस टेक्नोलॉजी से अनजान होने के कारण आसानी से ओटीपी बता रहे हैं, जिसके कारण ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि पेंशन कार्यालय कभी भी जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपडेट करने का काम नहीं करता है और न ही फोन पर इसकी कोई जानकारी साझा की जाती है। इसलिए बुजुर्ग अपने खातों को सुरक्षित रखने के लिए किसी भी तरह के ओटीपी नंबर साझा न करें।
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