भोपाल: मध्य प्रदेश में किसानों को मिलने वाली बिजली महंगी करने की तैयारी है. वित्तीय वर्ष 2024 -25 के लिए मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी द्वारा पेश की गई टैरिफ याचिकाओं में किसानों को दी जाने वाली बिजली के दाम बढ़ाने की मांग की गई है. इस पर अब लगातार आपत्तियां दर्ज हो रही हैं.
सामाजिक संगठन नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के समक्ष लिखित शिकायत सौंपी है. इसमें कृषि से जुड़े उपकरणों और बिजली बिल को लेकर दिए गए प्रस्ताव को निरस्त करने की मांग की है. मंच के सदस्य रजत भार्गव ने जानकारी देते हुए बताया कि बिजली कंपनियों ने किसानों को दी जाने वाली बिजली पर 35 पैसे प्रति यूनिट और फिक्स्ड चार्ज में 14 रुपए की बढ़ोत्तरी करने का प्रस्ताव दिया है. वर्तमान में किसानों को 5 रुपए 40 पैसे में प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलती है, जो प्रस्ताव मंजूर होने के बाद 5 रुपए 75 पैसे में मिलेगी.वहीं जो फिक्स्ड चार्ज अभी तक 68 रुपए है, वह भी बढ़कर 82 रुपए हो जायेगा.
आपत्तिकर्ता नागरिक उपभोक्ता मंच के रजत भार्गव का कहना है कि एक तरफ सरकारें किसानों को सब्सिडी एवं सस्ती बिजली देने का प्रयास कर रही है, वहीं बिजली कंपनियां किसानों से भी अतिरिक्त वसूली करना चाहती हैं. इतना ही नहीं, बिजली कंपनियों ने किसानों को सब्सिडी देने के लिए भी नए नियम बना दिए हैं. जिसके अनुसार किसानों को आईएसआई मार्क वाले पीवीसी पाइप एवं अन्य उपकरण ही उपयोग करना होंगे. यदि उन्होंने किसी दूसरी कंपनी या बिना आईएसआई मार्क के उपकरण उपयोग किए तो सब्सिडी नहीं मिलेगी.
गौरतलब है कि किसान हमेशा ही खेती में बिजली,दवाइयों और खाद की कमी और मौसम की मार झेलता है.फिर भी मेहनत कर सभी के लिए अन्न पैदा करता है.बावजूद इसके वह कभी मेहनत के अनुसार लाभ नहीं कमा पाता. ऐसे में बिजली कंपनियों के ये नए और कठोर नियम कहीं ना कहीं किसानों को नुकसान पहुंचाएंगे.बहरहाल नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने इन प्रस्तावों के खिलाफ नियामक आयोग में आपत्ति दर्ज कराई है.
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