पटना (Patna)। महागठबंधन सरकार में क्रेडिट वार (credit wise) शुरू हो गया है। आरजेडी हो या जेडीयू, (JDU) दोनों के बीच उपलब्धियों का श्रेय लेने की होड़ लग गई है। ऐसा नहीं है कि आरजेडी और जेडीयू के बीच पहली बार हो रहा है। ऐसे कई मौके आए, जब कार्यक्रम के दौरान खुले मंच से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद के मंत्रियों को सलाह दी कि किसी भी कार्य का श्रेय खुद न लें।
क्या राजद और जदयू में सब ठीक है? सियासत के गलियारों में ये सवाल इसलिए उठ रहा है कि सरकार के भीतर ही दोनों दलों के बीच क्रेडिट लेने की होड़ शुरू हो गई है. खास तौर पर बिहार में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्ति और अन्य सरकारी नौकरियों की वैकेंसी दिए जाने को लेकर जदयू और राजद की दावेदारी आमने-सामने है. राजद जहां डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को फुल क्रेडिट देने में लग गया है और इसका खुल्लमखुल्ला ऐलान कर रहा है, वहीं नीतीश सरकार भी अपनी उपलब्धियों का विज्ञापन अखबारों में निकाल रही है.
मुजफ्फरपुर में राजद कार्यकर्ता संवाद सम्मेलन में युवाओं को नौकरी देने को लेकर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को खुला क्रेडिट दिया गया. वहीं, इसी सम्मेलन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नाम तक नहीं लिया गया. कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि भाजपा देश में नफरत की राजनीति कर रही है, जबकि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव युवाओं को नौकरी बांट रहे हैं. राजद कार्यकर्ता घर-घर जाकर जनता को बताएंगे कि राज्य सरकार ने किस तरह से युवाओं को नौकरी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, मुखिया, सरपंच, वार्ड पंच व विकास मित्रों का वेतन बढ़ाया है. अगर केंद्र में उनकी (इंडिया अलायंस) सरकार बनी तो बिहार से बेरोजगारी खत्म कर देंगे.
नीतीश सरकार ने शिक्षा क्षेत्र की उपलब्धियों पर फुल पेज विज्ञापन दिया.
अखबारों पर फुल पेज विज्ञापन में खास बात यह रही कि केवल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ही तस्वीर थी और शिक्षा विभाग की उपलब्धियों को गिनाया गया. खास बात यह भी कि इस विज्ञापन के शुरुआत में लिखा गया- ”माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में शिक्षा व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए राज्य सरकार के बढ़ते कदम…” बता दें कि शनिवार 13 जनवरी को पटना में नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटे जाने का कार्यक्रम आयोजित हो रहा है. इसे लेकर पटना में लगाए गए पोस्टरों और विज्ञापनों से तेजस्वी यादव की तस्वीर गायब है. अखबारों में दिए गए विज्ञापन में भी तेजस्वी की फोटो नहीं है. विशेष बात यह कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की तस्वीर भी विज्ञापन में नहीं है. वह राजद के कोटे से मंत्री हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि जदयू-राजद में सब ठीक है या नहीं?
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