नई दिल्ली (New Delhi)। भारत (India) ने अपनी ताकत दिखाने, समुद्री डकैती (Piracy) और ड्रोन हमलों (drone attacks) जैसी घटनाओं पर लगाम कसने के लिए उत्तर और मध्य अरब (North and Central Arabia) से अदन की खाड़ी (Gulf of Aden) तक फैले समुद्री क्षेत्र में अपने कम से कम 10 अग्रणी युद्धपोत तैनात (10 leading warships deployed in maritime area) कर रखे हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि समुद्री डाकुओं की हरकतों पर लगातार नजर रखी जा रही है।
नौसेना अधिकारियों ने बताया कि अरब सागर और अदन की खाड़ी में छह से 10 दिन प्रमुख स्वदेशी युद्धपोतों को तैनात किया गया है जिसमें विध्वंसक, पनडुब्बी और समुद्री गश्त में इस्तेमाल होने वाले पोत शामिल हैं। इसका उद्देश्य मुख्यत: समुद्री डकैती पर रोक लगाने के उद्देश्य से सोमालिया के तटों पर नजर रखना और वाणिज्यिक पोतों पर होने वाले ड्रोन हमले रोकना है।
अधिकारियों के मुताबिक, भारतीय युद्धपोत समुद्र में किसी भी घटना को रोकने के लिए पूरी तरह मुस्तैद हैं। बुधवार को नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा था कि भारतीय नौसेना समुद्री डकैती पर लगाम कसने के लिए सक्रिय तौर पर अपना बेड़ा तैनात कर रही है। वह हैदराबाद में स्वदेश निर्मित 10 स्टारलाइनर मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी) दृष्टि का अनावरण करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।
उन्होंने यह भी बताया था कि पिछले 40-42 दिनों में ऐसे करीब 35 हमले हुए हैं, जिसमें मुख्य निशाना इस्राइल रहा। नौसेना प्रमुख ने यह भी बताया था कि इस दौरान भारतीय झंडे वाले किसी जहाज को निशाना नहीं बनाया गया। हालांकि, दो घटनाओं में भारतीय नौसेना को दखल जरूर देना पड़ा, जिसमें से एक जहाज के चालक दल में 15 भारतीय नाविक शामिल थे। उन्हें सुरक्षित बचा लिया गया था।
वाणिज्य मंत्रालय की बैठक अगले हफ्ते
भारतीय वाणिज्य मंत्रालय ने लाल सागर में मौजूदा संकट के मद्देनजर अगले सप्ताह एक अंतर-मंत्रालयी बैठक बुलाई है। इसमें लाल सागर और अदन की खाडी से गुजरने वाले वाणिज्यिक जहाजों की सुरक्षा की स्थिति पर चर्चा होगी।
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