नई दिल्ली। अयोध्या (Ayodhya) में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी (PM Modi) ने आज यानी शुक्रवार से विशेष अनुष्ठान का आरंभ कर दिया है. पीएम मोदी ने शुक्रवार को एक खास संदेश में कहा कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए आज से वह 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं बहुत भावुक हैं और अपनी भावनाओं को शब्दों में कह पाना काफी मुश्किल है. बता दें कि 22 जनवरी को पीएम मोदी अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन करेंगे.
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में केवल 11 दिन ही बचे हैं।
मेरा सौभाग्य है कि मैं भी इस पुण्य अवसर का साक्षी बनूंगा।
प्रभु ने मुझे प्राण प्रतिष्ठा के दौरान, सभी भारतवासियों का प्रतिनिधित्व करने का निमित्त बनाया है।
इसे ध्यान में रखते हुए मैं आज से 11 दिन का विशेष…
— Narendra Modi (@narendramodi) January 12, 2024
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपने संदेश में कहा, ‘अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में केवल 11 दिन ही बचे हैं. मेरा सौभाग्य है कि मैं भी इस पुण्य अवसर का साक्षी बनूंगा. प्रभु ने मुझे प्राण प्रतिष्ठा के दौरान सभी भारतवासियों का प्रतिनिधित्व करने का निमित्त बनाया है. इसे ध्यान में रखते हुए मैं आज से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहा हूं. मैं आप सभी जनता-जनार्दन से आशीर्वाद का आकांक्षी हूं. इस समय अपनी भावनाओं को शब्दों में कह पाना बहुत मुश्किल है, लेकिन मैंने अपनी तरफ से एक प्रयास किया है.’
पीएम मोदी ने अपने वीडियो संदेश में क्या कहा
पीएम मोदी ने अपने वीडियो संदेश की शुरुआत सियावर राम चंद्र की जय कहकर किया. उन्होंने कहा, ‘मेरे देशवासियों, राम-राम. जीवन के कुछ क्षण ईश्वरीय आशीर्वाद की वजह से ही याथार्थ में बदलते हैं. आज हम सभी भारतीयों के लिए, दुनियाभर के रामभक्तों के लिए, ऐसा ही पवित्र अवसर है. हर तरफ प्रभु श्रीराम की भक्ति का अद्भुत वातावरण है. चारों दिशाओं में राम नाम की धुन राम भजनों की अद्भुत सौंदर्य माधुरी है. हर किसी को इंतजार है 22 जनवरी का. उस ऐतिहासिक पवित्र पल का. अब अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में 11 दिन ही बचे हैं. मुझे सौभाग्य है कि मुझे भी इस पुण्य अवसर का साक्षी बनने का अवसर मिल रहा है. मैं भावुक हूं. मैं पहली बार जीवन में इस तरह के मनोभाव से गुजर रहा हूं. मैं एक अलग ही भाव-भक्ति की अनुभूति कर रहा हूं. मेरे लिए अभिव्यक्ति का नहीं, अनुभूति का अवसर है. चाहते हुए भी इसकी गहनता, व्यापकता और तीव्रता को शब्दों में बांध नहीं पा रहा हूं. आप भी मेरी स्थिति को समझ सकते हैं.’
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