नई दिल्ली (New Delhi) । पश्चिम बंगाल (West Bengal) में कांग्रेस (Congress) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बीच सीट शेयरिंग (seat sharing) की संभावना गुरुवार को और कम हो गई जब टीएमसी ने संकेत दिया कि वह कांग्रेस की पांच सदस्यीय राष्ट्रीय गठबंधन समिति (National Alliance Committee) से मुलाकात नहीं करेगी। टीएमसी के सूत्रों ने कहा कि पार्टी ने पहले ही कांग्रेस को अपना प्रस्ताव बता दिया है। कांग्रेस के पैनल में अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, मुकुल वासनिक, सलमान खुर्शीद और मोहन प्रकाश जैसे नेता शामिल हैं। इस पैनल ने अब तक समाजवादी पार्टी (एसपी), शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी, आप और राजद जैसे दलों के साथ पहले दौर की चर्चा की है। सूत्रों ने कहा कि टीएमसी ने कांग्रेस को मालदा दक्षिण और बहरामपुर सीट की पेशकश की थी। फिलहाल दोनों सीटें कांग्रेस के पास हैं।
पश्चिम बंगाल कांग्रेस ध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने पहले ही इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और कहा है कि पार्टी ने 2019 में टीएमसी और भाजपा के खिलाफ लड़ते हुए अपने दम पर ये सीटें जीती थीं। कांग्रेस को उन दोनों सीटों को जीतने के लिए ममता से किसी उदारता की आवश्यकता नहीं है। अधीर रंजन ने कहा था, “मैं ममता बनर्जी और भाजपा के खिलाफ अकेले लड़ सकता हूं, क्योंकि मैंने इसे साबित कर दिया है। मैं और मेरे सहयोगी अपने दम पर दोनों सीटों पर लड़ सकते हैं। हमें दो सीटें बरकरार रखने के लिए ममता बनर्जी से किसी अनुग्रह की आवश्यकता नहीं है।”
अब टीएमसी अपने प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए कांग्रेस पैनल से मिलने को तैयार नहीं है। यह संकेत देता है कि टीएमसी देश की सबसे पुरानी पार्टी को बंगाल में अधिक सीटें देने के मूड में नहीं है।
टीएसी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “हमने उन्हें दो सीटों की पेशकश की है। बंगाल की 42 सीटों में से केवल दो पर कांग्रेस को 30% से अधिक वोट मिले। वे अधिक सीटों का दावा कैसे कर सकते हैं? अगर कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व सीधे तौर पर ममता बनर्जी से बात करे तो शायद वह एक सीट और दे देंगी। इसलिए कांग्रेस गठबंधन समिति से मिलने का कोई मतलब नहीं है। हमारा प्रस्ताव बहुत स्पष्ट है।”
आपको बता दें कि कांग्रेस बंगाल की रायगंज, मालदा उत्तर, जंगीपुर और मुर्शिदाबाद सहित कई और सीटों पर दावा कर रही है। लेकिन टीएमसी के द्वारा बातचीत से इनकार करने के बाद दोनों पार्टियों के बीच समझौते की संभावना कम दिख रही है। सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस गठबंधन समिति ने बैठक के लिए टीएमसी से संपर्क किया था लेकिन टीएमसी ने बताया कि वह बातचीत के लिए कोई प्रतिनिधि भेजने की इच्छुक नहीं है। वहीं, वाम दल पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वह टीएमसी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे।
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