वाशिंगटन (Washington)। गूगल (Google) ने साल की शुरुआत में ही सैकड़ों कर्मचारियों को नौकरी (laid off hundreds of employees) से निकाल दिया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि कंपनी अब इन कर्मचारियों की जगह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल (Use of Artificial Intelligence (AI) करेगी। पिछले साल जनवरी में भी गूगल ने 12,000 कर्मचारियों (Google laid off 12,000 employees) को नौकरी से बाहर किया था। हालांकि, गूगल का कहना है कि यह फैसला नियमित कटौती का हिस्सा है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक छंटनी से खासतौर वे कर्मचारियों प्रभावित हुए हैं, जो गूगल के वॉइस बेस्ड गूगल असिस्टेंट और ऑगमेंटेड रियलिटी हार्डवेयर टीम से जुड़े हैं। गूगल ने सेंट्रल इंजीनियरिंग ऑर्गेनाइजेशन से भी कुछ कर्मचारियों की छंटनी की है। गूगल ने इस संबंध में कहा है कि 2023 की दूसरी छमाही के दौरान कई टीमों के अधिक कुशल बनने में हुए बदलावों के चलते कुछ पदों को समाप्त किया जा सकता है।
जता दी थी कार्यबल में छह फीसदी कटौती की आशंका
गूगल की इस ताजा छंटनी को लेकर सबसे पहली रिपोर्ट सीमफॉर ने दी है, जिसके मुताबिक गूगल असिस्टेंट टीम में छंटनी के दायरे में आए कर्मचारियों को सूचना मिलनी शुरू हो गई है। इस कदम की अल्फाबेट वर्कर्स यूनियन ने आलोचना की है। यूनियन के मुताबिक गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट के दुनियाभर में सितंबर 2023 तक 1,82,381 कर्मचारी थे। इसी दौरान अल्फाबेट ने एलान किया था कि कंपनी अपने कार्यबल में 6 फीसदी की कटौती करेगी, जिससे करीब 12 हजार लोगों की नौकरी जाएगी।
260 करोड़ डॉलर का लग सकता है जुर्माना
प्रतिस्पर्धा कानून उल्लंघन के मामले में यूरोपीय संघ ने शीर्ष कोर्ट को गूगल से 260 करोड़ डॉलर का जुर्माना वसूलने की सलाह दी है। नियामकों ने पाया कि गूगल ने खरीदारी की सिफारिशों को खोज नतीजों में प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ अपनी प्रभावी स्थिति का अवैध लाभ लिया है। महाधिवक्ता जूलियन कोकोट ने जुर्माने के विरुद्ध दायर गूगल की याचिका खारिज करने की सलाह दी।
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