नई दिल्ली: भारत में रहकर क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले निवेशकों के लिए बुरी खबर है। अगर वो बजट या उसके बाद क्रिप्टोकरेंसी में निवेश को लेकर किसी तरह की राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं तो उनको निराशा हाथ लगने वाली है। आरबीआई के गवर्नर ने क्रिप्टोकरेंसी पर अपना रुख साफ कर दिया है। भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज कहा कि केंद्रीय बैंक क्रिप्टो करेंसी नियमों पर दूसरों को फॉलो नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि उभरते बाजार और दुनिया ‘क्रिप्टो को लेकर दीवानगी’ से निपट नहीं पाएगी। दास ने कहा कि जो दूसरे बाजार के लिए अच्छा है, जरूरी नहीं कि वह हमारे लिए भी अच्छा हो। इसलिए हमारे विचार, रिजर्व बैंक के और व्यक्तिगत रूप से मेरे वही रहेंगे। यानी आगे भी भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर किसी तरह की राहत मिलने वाली नहीं है।
बता दें कि अमेरिकी नियामकों द्वारा बिटकॉइन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड को अनुमति दी गई है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए दास ने कहा कि क्रिप्टो करेंसी के प्रति बैंक और उनका अपना विरोध नहीं बदलेगा। बिजनेस डेली ‘मिंट’ द्वारा यहां आयोजित एक वित्तीय क्षेत्र सेमिनार को संबोधित करते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं और उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के लिए क्रिप्टो करेंसी के रास्ते पर चलने से कई जोखिम उत्पन्न होंगे जिनसे निपटना बेहद मुश्किल होगा। क्रिप्टो करेंसी के संबंध में अमेरिका के कदम के बारे में पूछे जाने पर दास ने कहा, ‘सवाल यह है कि आप उस रास्ते पर क्यों जाना चाहते हैं? आपको क्या मिलने वाला है?’
उन्होंने कहा कि मैं इसपर टिप्पणी नहीं करना चाहता कि किसी दूसरे देश के नियामक ने क्या किया है। वे जानते हैं कि उनके देश के लिए सबसे अच्छा क्या है, लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि उन्होंने स्वयं उत्पाद में जोखिमों को चिह्नित किया है और लोगों को बहुत सावधान रहने की सलाह दी है।’’ वहीं यह पूछे जाने पर कि क्या वह आगामी लेखानुदान को मुद्रास्फीति बढ़ाने वाला मानते हैं, उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए उन्हें नहीं लगता कि अंतरिम बजट से महंगाई बढ़ेगी। गवर्नर ने रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के बाद से मूल्यवृद्धि को रोकने के लिए सरकार द्वारा आपूर्ति को लेकर उठाए गए कई उपायों का भी जिक्र किया।
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