उज्जैन। अगले माह से स्कूली परीक्षाएँ शुरु होंगी तथा स्कूलों में जहाँ शिक्षकों की कमी है, वहीं अध्यापन कार्य भी ठीक ढंग से नहीं हुआ है और अब शिक्षा विभाग के शेख चिल्ली अधिकारियों ने नई नीति शिक्षकों को समझाने के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया है। यह कार्य शिक्षा सत्र की शुरुआत में होना था जो कि परीक्षा से पूर्व किया जा रहा है।
राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से आदेश जारी किया गया है कि कक्षा छठी से आठवीं तक के शिक्षकों के लिए चार अलग-अलग चरण में प्रशिक्षण दिया जाना है। इसकी शुरुआत भी हो गई है पहले से कक्षाओं में शिक्षकों की कमी अब परीक्षा के पहले प्रशिक्षण में से शिक्षक तो परेशान है ही , विद्यार्थियों का कोर्स पूरा होना अब मुश्किल ही है। पांचवी आठवीं की बोर्ड परीक्षाएं मार्च महीने में शुरू होना है इससे पहले तीसरी से छठी तक की परीक्षाएं फरवरी के आखिर में शुरू हो जाएंगी । राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से सभी जिला प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर को निर्देश दिया गया है कि व्यावसायिक शिक्षा और नई शिक्षा नीति को लेकर सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाना अनिवार्य है, ऐसे में जब शिक्षकों की आवश्यकता क्लास रूम में है लेकिन उन्हें सुबह से शाम तक प्रशिक्षण में समय देना पड़ रहा है इस आदेश से नाराजगी भी खूब है लेकिन आदेश का पालन किया जा रहा है और शिक्षकों को पढाने की बजाय प्रशिक्षण में बैठना पड़ रहा है। इंदौर जिले में तकरीबन दर्जनों स्कूल ऐसे हैं जहां पर शिक्षकों की संख्या दो या तीन ही है , ऐसी स्थिति में कंबाइंड कक्षाएं लगाकर विद्यार्थियों को पढ़ाया जा रहा है तब प्रशिक्षण शुरू हो हो गए हैं तो कुछ स्कूलों में छुट्टी हो जैसा माहौल भी हो रहा है।
जिले के सैकड़ों शिक्षकों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अलग-अलग ब्लॉक स्तर पर प्रशिक्षण शुरू कर दिए गए हैं एक बीच में 40 शिक्षकों को रखा गया है इंदौर जिले में 1200 शिक्षकों का प्रशिक्षण दिया जाना है इसके लिए व्यवस्था की गई है कक्षाओं में पढ़ाई प्रभावित न हो इसका ध्यान रखा जा रहा है।
चार चरणों में होगा प्रशिक्षण
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