नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्र की सत्ता से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार (Prime Minister Narendra Modi Government) को उखाड़ फेंकने के लिए कांग्रेस की अगुवाई में बने विपक्षी इंडिया गठबंधन (India) पश्चिम बंगाल में टूटता दिख रहा है। कांग्रेस और राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने साफ कर दिया है कि दोनों लोकसभा चुनाव एक-दूसरे के खिलाफ लड़ेंगे। इससे चुनाव पूर्व विपक्ष को एकजुट करने की कोशिशों को बड़ा झटका लगा है।
भाजपा (BJP) को हराने के लिए छोटे-बड़े 28 विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन (india alliance) में सीट बंटवारा (seat sharing) सुलझने की बजाय उलझता ही जा रहा है। बिहार (bihar) में महागठबंधन दलों के बीच सीट बंटवारे की बातचीत में दरकिनार महसूस कर रही लेफ्ट पार्टियों ने नीतीश कुमार और लालू यादव पर 8 सीटों की मांग के साथ दबाव बढ़ा दिया है। लेफ्ट को लग रहा था कि आरजेडी, कांग्रेस और जेडीयू आपस में ही बात कर रही हैं और लेफ्ट को पूछा तक नहीं जा रहा है। महागठबंधन की 6 पार्टियों में जेडीयू, कांग्रेस और आरजेडी सरकार में शामिल है जबकि 16 विधायकों के साथ सीपीआई-एमल, सीपीआई और सीपीएम बाहर से समर्थन दे रही है।
वहीं कांग्रेस को लग रहा है कि अगर सभी दलों को सीटों का बंटवारा कर दिया तो फिर उसके पास क्या बचेगा। यही कारण है कि सीट बंटवारों को लेकर कांग्रेस भी सोच समझकर ही निर्णय ले रही है।
माले के अलावा बिहार में प्रभाव के हिसाब से दूसरे नंबर की लेफ्ट पार्टी सीपीआई ने बेगूसराय, बांका और मधुबनी सीट की मांग की है। भाकपा महासचिव डी राजा के नेतृत्व में पार्टी नेताओं ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव से मुलाकात कर दावेदारी का पत्र सौंपा। सीपीआई ने इंडिया गठबंधन की सफलता के लिए सकारात्मक, सहयोगात्मक और लचीला रुख अपनाते हुए सभी घटक दलों से सम्मानजनक समझौता करने की जरूरत बताई। पार्टी के राज्य सचिव रामनरेश पांडेय ने कहा कि सीपीआई ने महागठबंधन के घटक दल के रूप में तीन सीटों पर उम्मीदवार उतारने का मन बनाया है।
उन्होंने कहा कि पार्टी ने एक दर्जन सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी पर पुनर्विचार करते हुए गठबंधन हित में तीन सीट पर उम्मीदवार उतारने का निर्णय लिया है। पांडेय ने कहा कि सम्मानजनक समझौते के तहत घटक दल बिना समय गंवाए भरोसे का माहौल पैदा करें। सीपीआई के विधानसभा में दो विधायक हैं। दो विधायक तीसरी लेफ्ट पार्टी सीपीएम के भी हैं लेकिन लोकसभा चुनाव के लिहाज से कोई क्षेत्र नहीं है जहां वो गंभीर रूप से दावा पेश कर सके। माना जा रहा है कि सीपीआई-माले 2-3 सीट और सीपीआई बेगूसराय सीट मिलने पर तैयार हो सकती है।
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