नई दिल्ली (New Delhi) । ईयरफोन (earphones) का इस्तेमाल तो लगभग सभी लोग करते हैं. अब ये ब्लूटूथ ईयरफोन (bluetooth earphones), ईयरबड्स (earbuds) जैसे कई रूप में आ चुका है. लेकिन इन सभी के शेप में खास कोई बदलाव नहीं देखा गया है. बहुत कम लोगों ने ये नोटिस किया होगा कि ईयरफोन या ईयरबड्स के पीछे एक छोटा सा छेद बना हुआ होता है. ऐसा क्यों होता है ये भी बहुत कम लोग जानते होंगे. तो अगर आपको भी नहीं मालूम कि ये छोटा सा छेद क्यों दिया जाता है तो बता दें कि ये सिर्फ डिज़ाइन का हिस्सा नहीं बल्कि इसका खास मकसद है.
इयरफोन पर उस छोटे से छेद को अक्सर वेंट या बेस पोर्ट कहा जाता है. इन्हें बनाने के कई मकसद हैं, जैसे कि कान के अंदर हवा के दबाव को बराबर करना, साउंड क्वालिटी में सुधार करना और बेहतर बेस प्रदान करने में मदद करता है.
ईयरफोन में इसलिए भी छेद दिए जाते हैं ताकि इसरे ज़रिए एयर फ्लो होता रहे. इससे ईयरफोन लगाने पर कान के अंदर बनने वाले प्रेशर को कम करने में मदद मिलती है. जिन ईयरफोन में छेद नहीं होता है, उससे कान में काफी प्रेशर पड़ सकता है.
कहा जाता है कि अगर ईयरफोन में ये छोटे छेद न हो तो ये कई लोगों के कान के दर्द का कारण भी बन सकता है. वे छेद इयरफोन के स्पीकर ड्राइवर के अंदर और बाहर के बीच दबाव को बराबर करने में मदद करते हैं.
छोटे छेद इयरफोन को कान में डालने या निकालने पर ‘पॉप’ साउंड उत्पन्न करने की संभावना को कम करने में भी मदद करते हैं.
हालांकि एक मामले ये छेद बुरे लग सकते हैं वह ये है कि इसकी वजह से बाहर की आवाज़ भी कान में जाती रहती है, लेकिन साउंड क्वालिटी को खराब नहीं करती है.
दूसरी तरफ ऐपल एयरपॉड की बात करें तो ऐसा कहा जाता है कि इसमें दिया गया होल बेस बैलेंस के साथ-साथ स्पीकर वाइब्रेशन को बेहतर करने में भी मदद करता है.
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