नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के लिए कमर कस चुकी है. केंद्र की सत्ता में हैट्रिक (Hat-trick in power at the Center) लगाने के लिए पार्टी जोर शोर से जुटी है. जेपी नड्डा के नेतृत्व वाली पार्टी चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही उम्मीदवारों की घोषणा कर देगी. बीजेपी की पहली सूची जनवरी के अंत या फरवरी के पहले हफ्ते में जारी हो सकती है. पहली लिस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) का नाम हो सकता है. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने अपनी पहली ही सूची में पीएम मोदी और अमित शाह की सीटों का नाम का ऐलान किया था.
पार्टी ने टिकट बंटवारे का भी प्लान तैयार कर लिया है. बीजेपी इस बार 70 वर्ष से अधिक उम्र और तीन बार से अधिक बार जीते लोकसभा सांसदों को टिकट न देने का मन बना रही है. पार्टी की कोशिश है कि नए चेहरों पर दांव लगाया जाए. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 लोकसभा चुनाव में 50 प्रतिशत से अधिक वोट पाने का लक्ष्य दे चुके हैं. बीजेपी अपने इतिहास में इस बार सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 543 में से 436 सीटों पर चुनाव लड़ा था, इनमें 133 सीटों पर वो चुनाव हार गई थी. पिछली बार की तुलना में इस बार उसके सहयोगी दलों की संख्या कम हो गई है.
2019 में बीजेपी का पंजाब में शिरोमणि अकाली दल, बिहार में जेडीयू, महाराष्ट्र में शिवसेना, तमिलनाडु में एआईएडीएमके और राजस्थान में हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के साथ तालमेल था. बीजेपी ने पंजाब की 13 में से तीन, महाराष्ट्र की 48 में से 25 और बिहार की 40 में से 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था. वहीं तमिलनाडु में एआईएडीएमके ने बीजेपी को पांच सीटें दी थीं. इस बार इन राज्यों में बीजेपी अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
बीजेपी की पहली सूची में उन 164 सीटों से ज्यादातर सीटों पर उम्मीदवारों का नाम भी होगा जो सीटें वो आज तक कभी नहीं जीती या जीत का मार्जिन बेहद कम रहा है. बीजेपी पिछले दो साल से ऐसी सीटों पर लगातार मेहनत कर रही है. इन 164 सीटों का क्लस्टर बनाकर केंद्रीय मंत्रियों और बड़े नेताओं को इनकी जिम्मेदारी दी गई, जिनमें गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हैं. बीजेपी ने इन सीटों को सी और डी कैटेगरी में बांटा है और 80-80 सीटों की दो श्रेणियां बनाई हैं. 40 मंत्रियों को इन सीटों की जिम्मेदारी दी गई है. हर मंत्री के जिम्मे दो से तीन सीटें हैं.
बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में ऐसी 14 सीटों की सूची तैयार की है जहां वो खुद को कमजोर पाती है. पार्टी 2019 में उत्तर प्रदेश में 16 सीटों पर हारी थी लेकिन दो सीटें उसने उपचुनाव में जीत लीं. रायबरेली, मैनपुरी, बिजनौर, सहारनपुर, संभल, मुरादाबाद, गाजीपुर, जौनपुर, रामपुर, आजमगढ, नगीना, अमरोहा, अंबेडकरनगर, श्रावस्ती, घोसी, लालगंज सीटों पर प्रत्याशियों के नाम पहली सूची में होंगे. इनमें कुछ सीटें सपा की गढ़ मानी जाती हैं और बीजेपी की कोशिश इस बारे इन्हें अपने पाले में लाने की है.
ऐसे ही बिहार में नवादा, सुपौल, किशनगंज, कटिहार, मुंगेर, गया, सुपौल , नालंदा सीट के प्रत्याशी घोषित होंगे. मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा सीट बेहद कमजोर श्रेणी में आती है. यह पूर्व सीएम कमलनाथ का गढ़ है. विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को यहां फिर झटका लगा है. केरल में त्रिशूर, पत्तनमतिट्टा , तिरुवनंतपुरम जैसी सीटें हैं. त्रिशूर से बीजेपी सुरेश गोपी को टिकट दे सकती है. महाराष्ट्र से बारामती, बुलढाना, औरंगाबाद और पंजाब में अमृतसर, आनंदपुर साहिब, भटिंडा, गुरदासपुर सीट शामिल हैं.
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