इंदौर: विशेष न्याययाधीश, (पॉक्सो एक्ट) सुरेखा मिश्रा ने अवयस्क बालिका से दुष्कृत्य कर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने वाले केस में आरोपी असलम उर्फ गोलु , उम्र 23 वर्ष को धारा 3 (2) (v) एससी एसटी एक्ट में दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व धारा 376 (3) भा.दं.सं. एवं 5(एल) /6 पॉक्सो एक्ट में 20 वर्ष का सश्रम कारावास व धारा 366 भा.दं.वि. मे 7 वर्ष सश्रम कारावास तथा धारा 05 म.प्र. धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम मे 5 वर्ष सश्रम कारावास व कुल 55000 रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया. न्यायालय द्वारा पीडि़त बालिका को 50,000 रुपये राशि प्रतिकर स्वरूप दिलाये जाने की अनुशंसा की गई.
जिला अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि बालिका के पिता ने रिपोर्ट लिखाई थी कि 14 जुलाई 2021 के दोपहर 02 बजे बालिका अपनी मम्मी को दुकान से सामान लेने जाने का बोलकर गई थी, जो वापस घर नहीं आई. उन्होने बालिका को उसकी सहेलियों, आसपास व रिश्तेदारों में तलाश किया, किन्तु कोई पता नहीं चला. जिस पर से पुलिस थाना राजेन्द्र नगर ने केस दर्ज किया था. विवेचना के दौरान बालिका को दस्तयाब कर उसके कथन लिये गये जिसमे बालिका ने बताया कि आरोपी उसे बहला फुसलाकर अपनी मोटरसाईकिल पर बिठाकर ले गया और होटल मे ले जाकर उसके साथ दुष्कृत्य किया और उसके बाद उससे कहा कि वह उससे शादी करना चाहता है और उस पर धर्म परिवर्तन का दवाब बनाया. आरोपी को गिरफतार कर चालान कोर्ट में पेश किया गया. प्रकरण में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक सुशीला राठौर एवं विशेष लोक अभियोजक अमिता जायसवाल द्वारा की गई.
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