कोलकाता (Kolkata) । पश्चिम बंगाल (West Bengal) में चलते ट्रक (truck) से 9.7 करोड़ रुपये मूल्य के 1500 आईफोन चोरी (iPhone theft) होने का मामला सामने आया है. एप्पल कंपनी (apple company) के मोबाइल फोन (mobile phone) को ट्रक के जरिए चेन्नई से कोलकाता ले जाया जा रहा था. आरोप है कि बंगाल में प्रवेश करने के बाद ट्रक से मोबाइल चोरी हो गए. चोरी की पूरी घटना सुनकर कलकत्ता हाईकोर्ट भी हैरान रह गया. इस मामले की अगली सुनवाई 2 फरवरी को होगी.
घटना पिछले साल 28 सितंबर की है. चोरी किए गए कई फोन तो चालू भी हो गए हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो ढाई महीने पहले चुराए गए कई मोबाइल चोर बाजार में बेच दिए गए हैं. हाई कोर्ट ने पूरे मामले की जांच जिला पुलिस अधीक्षक की निगरानी में कराने का आदेश दिया है.
दरअसल, पिछले साल 26 सितंबर को एक ट्रक कुल 9.7 करोड़ रुपये के एप्पल आईफोन लेकर चेन्नई से निकला था. इसे कोलकाता पहुंचना था. परिवहन कंपनी ट्रकों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए अत्याधुनिक ‘जीपीएस सिस्टम’ का उपयोग करती है. परिणामस्वरूप, यदि ट्रक पांच मिनट से अधिक समय तक रुकता है, तो चेतावनी परिवहन कंपनी के कार्यालय तक पहुंच जाती है. उसी समय कार्यालय से ड्राइवर से संपर्क किया जाता है. उसे कार्यालय को ट्रक रोकने के स्थान के बारे में जानकारी देनी होती है.
इस केस में ट्रक के रवाना होने के अगले दिन, यह तीन राज्यों को पार करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग छह से बंगाल में प्रवेश किया था. कंपनी के कार्यालय को पता चला कि ट्रक 28 सितंबर 2023 को सुबह छह बजे के आसपास पश्चिम मेदिनीपुर जिले के नया बाजार क्षेत्र में एक पेट्रोल पंप पर पांच मिनट से अधिक समय तक खड़ा था. इसके बाद ड्राइवर से संपर्क किया गया, लेकिन बार-बार फोन करने पर भी ट्रक ड्राइवर ने फोन नहीं उठाया. ऐसे में ट्रांसपोर्ट कंपनी ने 45 मिनट बाद डेबरा थाने में सूचना दी. पुलिस ने मौके पर जाकर ट्रक बरामद कर लिया. उन्होंने जाकर देखा तो ट्रक खाली था और इससे सभी आईफोन गायब थे. ट्रक ड्राइवर या उसके खलासी भी वहां नहीं था. फोन चोरी होने के बारे में इलाके में पूछताछ के बाद भी पुलिस कुछ भी बरामद नहीं कर सकी.
हाई कोर्ट में ट्रांसपोर्ट कंपनी के वकील अपलक बसु ने कहा कि जब ट्रक चल रहा था उसी समय आईफोन चोरी हुए हैं. क्योंकि इससे पहले गाड़ी लंबे समय तक कहीं भी खड़ी नहीं रही. इस राज्य में प्रवेश करने के बाद उस ट्रक के साथ एक और ट्रक आया. दोनों ट्रक काफी समय तक एक ही गति से साथ-साथ चलता रहे. ऐसे में हो सकता है कि फोन चोरी हो गए हों. वह काम डेबरा के टोल प्लाजा से पहले पूरा कर लिया गया, ताकि टोल प्लाजा पर दोनों ट्रकों के चालकों की मिलीभगत का पता न चल सके.
पुलिस ने नहीं की थी FIR दर्ज
योजना के मुताबिक, टोल प्लाजा पार करने के बाद ड्राइवर और खलासी ट्रक छोड़ कर भाग निकले. वकील का दावा है कि आईफोन मुख्य रूप से सुरक्षा पर जोर देता है. पुलिस को बार-बार यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया कि चोरी के बाद फोन चोर बाजार में न चले जाएं. वे ऐसा नहीं कर सके. आरोप है कि पुलिस ने पहले तो एफआईआर तक दर्ज नहीं की. बाद में 10 अक्टूबर को घटना की एफआइआर दर्ज की गई. पुलिस ने अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं कर सका है.
हाईकोर्ट पहुंची ट्रांसपोर्ट कंपनी
पुलिस पर ठीक से जांच नहीं करने का आरोप लगाते हुए ट्रांसपोर्ट कंपनी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. पिछले गुरुवार को हाईकोर्ट में उनके वकील का बयान था कि कंपनी देशभर में ट्रांसपोर्टेशन से जुड़ी है. उस क्षेत्र में उनकी प्रतिष्ठा है. लेकिन इस करोड़ों रुपये के आईफोन चोरी मामले ने कंपनी की छवि पर सवालिया निशान लगा दिया है. वहीं, न्यायाधीश जय सेनगुप्ता ने आदेश दिया है कि फिलहाल जिले के पुलिस अधीक्षक जांच की निगरानी करें. इस मामले की अगली सुनवाई दो फरवरी को होगी.
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