मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने केस के फैसले के दिन आरोपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश होने की मंजूरी दे दी है। आरोपी दिव्यांग है और उसने अदालत में पेश होने में असमर्थता जताई थी। आरोपी पर फर्जी सीबीआई अफसर बनकर लोगों से ठगी करने का आरोप है। दरअसल आरोपी 80 फीसदी दिव्यांग है और फर्जी सीबीआई अफसर बनकर लोगों से ठगी करने के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत मंगलवार को अपना फैसला सुनाएगी।
आरोपी अश्विनी कुमार फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर है और हरियाणा में रहता है। सीबीआई की विशेष अदालत ने बीते महीने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर उसे मुंबई में सीबीआई की विशेष अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था, ताकि उसके खिलाफ फैसला सुनाया जा सके। आरोपी ने इसके खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया कि वह एक दुर्घटना के चलते 80 फीसदी दिव्यांग है और इस कारण हरियाणा से मुंबई तक का सफर करके अदालत पहुंचने में असमर्थ है। इस पर बॉम्बे हाईकोर्ट की सिंगल जज वाली पीठ ने आरोपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीबीआई की विशेष अदालत की सुनवाई में पेश होने की मंजूरी दे दी।
मंजूरी देते हुए हाईकोर्ट ने उससे हलफनामा लिया कि वह बाद में यह नहीं दावा करेगा कि फैसला अवैध है क्योंकि यह तब हुआ, जब वह अदालत में शारीरिक रूप से मौजूद नहीं था। आरोपी के हलफनामा देने के बाद अदालत ने उसे वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश होने की छूट दे दी। आरोपी पानीपत के जिला कोर्ट से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत की सुनवाई में शामिल होगा। इस दौरान सीबीआई के अधिकारी भी पानीपत की जिला कोर्ट में मौजूद रहेंगे।
आरोपी है कि अश्विनी कुमार और राजेश रंजन ने साल 2011 में फर्जी सीबीआई अफसर बनकर करीब 200 लोगों से ठगी की। जिन लोगों के साथ धोखाधड़ी की गई, उनमें फिल्म निर्माता राकेश रोशन भी शामिल हैं। आरोपियों ने राकेश रोशन के एक सिविल मामले को सेटल कराने के नाम पर 50 लाख रुपये लिए थे। जब मामला सेटल नहीं हुआ तो राकेश रोशन में इस मामले में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने जांच कर आरोपियों का भंडोफोड़ किया।
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