नई दिल्ली: कर्नाटक में एक बार फिर से मुस्लिम व्यापारियों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. हिंदुत्ववादी संगठनों ने विजयपुरा शहर में सिद्धेश्वर मंदिर के बाहर एक बैनर लगाया है. इसमें मुस्लिम व्यापारियों को आगामी सिद्धेश्वर यात्रा के दौरान व्यापार करने से रोकने की बात कही गई है. इस बैनर को लेकर काफी विवाद भी हुआ है. सिद्धेश्वर मंदिर कमेटी ने इस बैनर को हटाने की कोशिश भी की है, जिसे लेकर काफी गरमा-गरमी देखने को मिली है.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, श्री राम सेना के सदस्यों ने मंदिर कमेटी से मांग की थी कि यात्रा के दौरान मुस्लिम व्यापारियों को व्यापार करने की अनुमति न दी जाए. बैनर में लिखा है, ‘मुसलमान देश के कानून में विश्वास नहीं करते हैं. वे पवित्र गायों के हत्यारे हैं. वे जिहाद के नाम पर धर्म परिवर्तन में लगे हुए हैं और भारतीय संस्कृति का अपमान कर रहे हैं. ऐसे लोगों को सिद्धेश्वर यात्रा के दौरान किसी भी तरह का व्यापार करने की इजाजत नहीं दी जाएगी.’
मंदिर कमेटी सदस्यों और श्री राम सेना कार्यकर्ताओं की हुई बहस
वहीं, बताया गया है कि जब मंदिर कमेटी के सदस्यों ने बैनर को हटाने की कोशिश की, तो श्री राम सेना के कार्यकर्ताओं और उनकी बहस हो गई. श्री राम सेना के स्थानीय अध्यक्ष नीलकंठ कंडागल ने कहा कि वे अपनी मांग पर कायम हैं. उन्होंने कहा कि यह बैनर हिंदू संगठनों के एक महासंघ के जरिए मंदिर के पास लगाया गया है. उन्होंने कहा कि मंदिर सभी हिंदुओं का है. ये सिर्फ मंदिर कमेटी का नहीं है. कमेटी को हमारी मांग पूरी करनी चाहिए.
बीजेपी विधायक से नाराज हुई श्री राम सेना
मंदिर कमेटी के अध्यक्ष बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल यत्नाल हैं. नीलकंठ कंडागल ने बीजेपी विधायक की आलोचना करते हुए कहा, ‘एक तरफ वह खुद को हिंदू रक्षक बताते हैं और हिंदू हितों के लिए लड़ने की बात करते हैं. दूसरी तरफ उन्होंने हमारी मांग पर फैसला नहीं लिया है. ये साफ तौर पर दिखाता है कि यत्नाल ने दोहरा रवैया अपनाया हुआ है.’
नीलकंठ कंडागल ने कहा कि यदि कमेटी उनकी मांग को पूरा करने में विफल रहती है, तो श्री राम सेना सदस्य अपने प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद मुतालिक के नेतृत्व में कमेटी के खिलाफ आंदोलन शुरू करेंगे. उन्होंने कहा कि कमेटी के जरिए बैनर हटाने के बाद इसे फिर से लगा दिया गया है.
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