• img-fluid

    दवाएं वापस मंगाने पर सरकार को देनी होगी जानकारी, स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी किए नए दिशा-निर्देश

  • January 07, 2024

    नई दिल्ली। दवा निर्माता कंपनियों को अब दवाओं को वापस मंगाने पर इसकी पूरी जानकारी केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) को देनी होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Ministry of Health Health) ने दवा कंपनियों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें कहा गया है कि दवाओं की गुणवत्ता की जिम्मेदारी निर्माता पर होगी। कोई दवा इस्तेमाल के लिए उपयुक्त है या नहीं, दवा के इस्तेमाल से किसी मरीज की जिंदगी खतरे में तो नहीं आएगी अब यह दवा निर्माता की जिम्मेदारी होगी। कंपनियां अगर किसी दवा को वापस बुलाती हैं, तो उन्हें लाइसेंसिंग अथॉरिटी को इसकी जानकारी देनी होगी। साथ ही उत्पाद में आई खराबी व उत्पादन की पूरी जानकारी देनी होगी। सरकार ने इस बारे में बीते 28 दिसंबर को एक अधिसूचना जारी कर कंपनियों को निर्देश दिया है।

    नए दिशा-निर्देशों (guidelines) में इस बात पर विशेष जोर दिया गया है कि छोटी दवा निर्माता कंपनियों (pharmaceutical manufacturing companies) को वैश्विक मानकों के अनुरूप उत्पाद बनाने के लिए दवाओं की जांच (drug testing) भी दुनियाभर के मौसम के मुताबिक करनी चाहिए। दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि कंपनियां उच्च गुणवत्ता की जवाएं बनाएं, जिसकी दुनियाभर में स्वीकार्यता हो। साथ ही तैयार दवा तभी बाजार में भेजी जाए जब सभी परिणाम संतोषजनक मिले।


    नई अधिसूचना में कहा गया है कि फिर से जांच के लिए या किसी बैच के सत्यापन के लिए कंपनियों को अंतिम उत्पाद के पर्याप्त नमूने रखे जाएं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पिछले वर्ष अगस्त में बताया था कि दिसंबर 2022 से अगस्त 2023 के दौरान 162 दवा फैक्टरियों का निरीक्षण किया गया। इनमें कच्चे माल की जांच नहीं की जा रही थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक भारत की 8,500 छोटी दवा फैक्टरियों में से एक-चौथाई से भी कम डब्ल्यूएचओ के मानकों पर खरी उतर पाएंगी।

    बता दें कि पिछले एक-दो वर्ष में भारत में बनी दवाओं से विदेश में बच्चों की मौत के आरोप लगे हैं। इसके चलते केंद्र सरकार (Central government) ने फार्मा उद्योग (pharma industry) को गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कहा, लेकिन इसके बाद भी कई मौकों पर घटिया और नकली दवाएं मिली हैं। इसके अलावा जांच में भी कई कंपनियों के सैंपल फेल हुए हैं। भारत की फार्मा इंडस्ट्री 5,000 करोड़ डॉलर की है। ऐसे में सरकार के लिए इस उद्योग के दवाब में आए बिना लोगों के हित में नए मानकों को लागू करना चुनौतिपूर्ण होगा।

    Share:

    बंगाल और बिहार में सीट बंटवारे पर गठबंधन में खटपट, कांग्रेस कर रही सम्मानजनक सीटों की मांग

    Sun Jan 7 , 2024
    नई दिल्ली। विपक्षी गठबंधन (opposition alliance) में शामिल दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर खटपट बढ़ती जा रही है। बंगाल (Bangal) में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (Ruling Trinamool Congress) का कहना है कि उसने कांग्रेस के लिए अपना दिल खुला रखा है, लेकिन वार्ता नाकाम रहने पर वह अकेले चुनाव (Election) लड़ने को तैयार […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved