चंडीगढ़ । पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी सैलजा (Former Union Minister Kumari Sailja) ने कहा कि हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार (Haryana’s BJP-JJP coalition Government) को जनता से कोई सरोकार नहीं है (Has No Concern with the Public) । इसलिए जनता से सीधे जुड़ाव वाले महकमों को भी अलॉट बजट भी पूरी तरह खर्च नहीं करने दिया जा रहा। ऐसे में जो अनुपूरक मांगें रखते हुए शीतकालीन सत्र में 11 हजार करोड़ का बजट और मांगा गया था, उसका तो कोई औचित्य ही नहीं बचता। पिछले वित्त वर्ष में भी 10 हजार करोड़ रुपये महकमों ने लैप्स कर दिए थे, जो बाद में वापस लौटाने पड़े थे।
मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि साल 2014 से भाजपा की अगुवाई वाली सरकार प्रदेश में काबिज है, लेकिन आज तक उसे वित्तीय प्रबंधन नहीं आया। बजट को किस तरह से खर्च करना होता है, यह भी अभी तक नहीं सीख पाए। वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में बजट का 25 प्रतिशत, दूसरी में 20 प्रतिशत, तीसरी में 25 प्रतिशत व अंतिम तिमाही में 30 प्रतिशत खर्च करना होता है। लेकिन, जिन महकमों का जनता से सीधा जुड़ाव है, वे ऐसा कर ही नहीं पा रहे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि शहरी निकाय, खेल, पीडब्ल्यूडी, कृषि, ग्रामीण विकास, जनस्वास्थ्य, माध्यमिक शिक्षा विभाग ऐसे हैं, जो अपने बजट की 70 प्रतिशत राशि अभी तक खर्च करने में विफल साबित हुए हैं। जबकि, शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में सडक़ों की हालत किसी से छिपी नहीं है। किसान को खाद, बीज के लिए कितनी मशक्कत करनी पड़ती है, यह हर रोज मीडिया में सुर्खियां बनता है।
कुमारी सैलजा ने कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणा के मुताबिक खेल विभाग आज तक ओलंपिक पदक विजेताओं के गांवों में स्टेडियम का निर्माण नहीं करवा पाया है। एनजीटी की रिपोर्ट बताती है कि हरियाणा के 17 जिलों के लोग आर्सेनिक व फ्लोराइड की अधिकता वाला पेयजल पीने को मजबूर हैं। ऐसे में जनस्वास्थ्य विभाग गंभीर होता तो लोगों को स्वच्छ पेयजल मुहैया करा सकता था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसी तरह उच्चतर शिक्षा विभाग लाइब्रेरी के लिए तय 10 करोड़ रुपयों में से एक पाई भी खर्च नहीं कर सका है। कॉलेज बिल्डिंग के निर्माण में भी ये फिसड्डी साबित हुए हैं। कितने ही कॉलेजों को आज तक खुद का भवन नसीब नहीं हो पाया है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग स्कूल भवनों का मेंटेनेंस करने को गंभीर नहीं है, इसलिए भिवानी में एक ही भवन में चार स्कूल एक साथ चलाए जा रहे हैं।
कुमारी सैलजा ने कहा कि बजट खर्च न होने के पीछे असल दोष गठबंधन सरकार का है। क्योंकि, प्रदेश को कर्जे में डुबोने वाली भाजपा को पता है कि बजट प्रावधान को पूरा कर दिया तो प्रदेश का दिवाला निकल सकता है। इसलिए अपनी कमजोरी छिपाने के लिए महकमों को बजट खर्च करने से रोका जा रहा है।
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