नई दिल्ली (New Delhi) । देश में डिजिटल पेमेंट (Digital Payment) का चलन बढ़ता जा रहा है. डिजिटल पेमेंट के लिए यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस यानी यूपीआई (UPI) जैसी सुविधा आपको घर बैठे आसानी से मनी ट्रांसफर की सुविधा देती है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने यूपीआई ट्रांजैक्शन में कुछ बदलाव किए हैं, जिन्हें आपको जानना जरूरी है. आइए जानते हैं कि 2024 में यूपीआई ट्रांजैक्शन में क्या 5 बदलाव हुए हैं.
यूपीआई लिमिट बढ़ी
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने 10 जनवरी तक अस्पतालों और शैक्षिक सेवाओं के लिए यूपीआई ट्रांजैक्शन लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने के आरबीआई के फैसले का पालन करने का निर्देश दिया है. इसका मतलब है कि ग्राहक जल्द ही अस्पतालों में मेडिकल बिल या शैक्षिक सेवाओं की फीस जैसे खर्चों के लिए यूपीआई के माध्यम से 5 लाख रुपये तक का पेमेंट कर सकेंगे.
इनएक्टिविट यूपीआई आईडी का नहीं कर पाएंगे इस्तेमाल
नए साल से नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई (NPCI) नई पॉलिसी लागू कर रहा है. इसके तहत एक या उससे ज्यादा साल से इनएक्टिविट यूपीआई आईडी को ब्लॉक कर दिया जाएगा.
नए यूजर्स के लिए 4 घंटे का विंडो
यूपीआई फ्रॉड को रोकने के लिए रिजर्व बैंक ने नया नियम बनाया है. अब यूपीआई के नए यूजर्स यानी जिन्होंने नया अकाउंट बनाया है, वे पहला पेमेंट 2 हजार रुपये तक ही कर सकेंगे.
शेयर खरीदने के लिए UPI से कर सकेंगे भुगतान
आप स्टॉक मार्केट से शेयर खरीदकर पैसे का भुगतान यूपीआई से कर सकेंगे. अभी तक यूपीआई से केवल आईपीओ के शेयरों के लिए बोली लगाई जा सकती थी. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया 1 जनवरी, 2024 को सेकेंडरी मार्केट के लिए यूपीआई को लॉन्च किया. शुरुआत में यह सर्विस कुछ ही ग्राहकों को मिलेगी.
UPI ऑटो पेमेंट लिमिट 15 हजार से हुई 1 लाख रुपये
आरबीआई ने कहा है कि 1 लाख रुपये तक के ऑटो पेमेंट के लिए अब एडिशन फैक्टर ऑथेंटिकेशन (AFA) की जरूरत नहीं होगी. पहले 15 हजार रुपये से अधिक की पेमेंट के लिए इसकी जरूरत होती थी. बता दें कि यूपीआई ऑटो पेमेंट सर्विस का इस्तेमाल कई तरह के ऑनलाइन पेमेंट जैसे क्रेडिट कार्ड बिल के पेमेंट, बीमा प्रीमियम, म्यूचुअल फंड, ईएमआई पेमेंट, मोबाइल बिल, एंटरटेनमेंट और ओटीटी सब्सक्रिप्शन, बिजली बिल आदि के लिए किया जाता है.
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