इन्दौर। कल सुबह एक निजी स्कूल (दिल्ली पब्लिक स्कूल) की चलती बस से उसका डीजल टैंक अलग होकर सडक़ पर गिर गया। उस वक्त स्कूल बस में 15 से 20 छोटे बच्चे सवार थे। यह तो गनीमत रही कि डीजल टैंक के गिरने से कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। आज से ठीक पांच साल पहले ही डीपीएस स्कूल बस का वो हादसा हुआ था, जिसने कई घर की खुशियां छीन ली थी और वो घाव अब भी भरे नहीं है। इसी बीच कल आनंद बाजार चौराहा से खजराना चौराहा के बीच सुनिकेत अपार्टमेंट के पास कल सुबह करीब 9.30 बजे स्कूल बस बच्चों को लेकर जा रही थी। इसी बीच स्पीड ब्रेकर से थोड़ा आगे बढ़ते ही चलती बस से उसका डीजल टैंक अलग होकर सडक़ पर गिर गया और बस एकाएक रुक गई। डीजल टैंक के गिरने से डीजल भी रिसने लगा और सडक़ पर फैल गया। वहां से गुजर रहे थाना बीट आरक्षकों ने जब यह नजारा देखा, तो चालक और परिचालक से तत्काल बच्चों को बस से बाहर निकाल कर अन्य बस से सुरक्षित भेजने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। यह तो गनीमत रही कि किसी तरह की स्पार्किंग नहीं हुई। वरना, रिसते डीजल में आग लगकर धमाका होकर बड़ा हादसा हो सकता था।
5 जनवरी 2018 को हुए डीपीएस स्कूल बस हादसे को इंदौर अब तक भूल नहीं पाया है। इसके बाद यातायात विभाग सहित परिवहन विभाग के दावे है कि वह लगातार स्कूल बसों की जांच करते हैं। साथ ही साथ में स्कूल संचालकों को बसों के नियमित मेंटेनेंस और फिटनेस के लिए निर्देशित भी करते हैं, लेकिन कल चलती बस से इस तरह डीजल टैंक का गिरना कहीं ना कहीं स्कूल प्रबंधन के साथ ही विभागों की लापरवाही भी दर्शाता है। मामला संज्ञान में आने पर एडिशनल सीपी यातायात मनीष कुमार अग्रवाल ने बताया कि वे इस मामले में जांच करवाएंगे। मामले में परिवहन विभाग संज्ञान ले रहा है। आरटीओ प्रदीप शर्मा ने बताया कि ये प्रबंधन की गंभीर लापरवाही दर्शाता है। इस मामले में हमें आपसे ही जानकारी मिली है, जिसके बाद विभाग आज ही बस का फिटनेस सर्टिफिकेट निरस्त करेगा। अब दोबारा फिटनेस पास करने पर ही बस सडक़ पर चल पाएगी। हम स्कूल की अन्य बसों की भी जांच करवाएंगे। स्कूल को नोटिस भी जारी कर रहे हैं।
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