इंदौर। इंदौर संभाग की सबसे बड़ी केंद्रीय जेल इंदौर में लंबे समय से अलग-अलग अपराधों में बंद ऐसे 13 कैदी है जो सजा तो भुगत चुके हैं, लेकिन जुर्माना नहीं भरने के अभाव में अभी भी जेल में बंद हैं। पांच साल पूर्व जितेंद्र पिता सूरज सिंह पास्को एक्ट में गिरफ्तार हुआ था। उसने जेल में रहते हुए 5 साल की सजा तो पूरी भुगत ली, लेकिन न्यायालय द्वारा लगाए गए 8 हजार के जुर्माने की राशि परिवार वालों ने जमा नहीं की थी, जिसके कारण अभी जेल में ही बंद है। जेलर एस.एस. नागर ने बताया कि यदि जुर्माना नहीं भरता है तो उसे ढाई साल की सजा और सहनी पड़ेगी। हालांकि एक समाजसेवी संस्था जैन दिवाकर के अशोक मेहता ने जेल अधीक्षक से भेंट कर ऐसे कैदियों की मदद करने की बात कही जो छोटे जुर्माना नहीं भरने के कारण जेल में रहने को मजबूर है, उसके लिए संस्था इन कैदियों की मदद करेगी।
एक छूटेगा पर ऐसे और 12 कैदी शामिल
फिलहाल 13 कैदी ऐसे हैं, जो जुर्माना नहीं भरने के तो चलते सजा काट रहे हैं। एक कैदी जितेंद्र की जुर्माना राशि संस्था भरने जा रही है। यदि आज राशि भर जाती है तो कैदी जेल से बाहर आ सकता है। बताया जा रहा है कि आजीवन कारावास के 12 कैदी सजा पूरी करने के बाद जेल में है, जो 26 जनवरी को रिहा होंगे। हालांकि उन पर भी जुर्माना बाकी है, जो एक हजार से लेकर पच्चीस हजार तक शामिल है।
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