इंदौर। 14 जनवरी मकर संक्राती पर्व पर क्षिप्रा स्नान को लेकर इंदौर प्रशासन को प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सख्त आदेश दिये गये है कि किसी भी हाल में कान्ह नदी का गन्दा पानी क्षिप्रा नदी में नही पहुँचना चाहिए । इसी मामले में आज नगर निगम आयुक्त हर्षिका सिंह और अपर आयुक्त सिध्दार्थ जैन ने उद्योगपतियों और उद्योग संगठनों के पदाधिकारियों सहित प्रदूषण विभाग के अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक आयोजित की । बैठक में निगम आयुक्त ने उद्योग संचालको और प्रदूषण नियंत्रण विभाग को हिदायत देते हुए कहा है कि किसी भी हालत में इंदौर सीमा में लगे उद्योगों का गन्दा पानी कान्ह नदी में नही मिलना चाहिए ।
इस विषय पर एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्री मध्यप्रदेश के अध्यक्ष योगेश मेहता ने आयुक्त को बताया कि हमारा संगठन इस मामले में निगम और प्रदूषण नियंत्रण के साथ है । वह आज से ही उद्योगो को समझाईश देगा कि कान्ह नदी में पानी छोडे जाने के कई दुष्परिणाम सामने आ रहे है है,। एसोसिएशन निगम को इस कार्य में पूर्ण सहयोग करेगा और उद्योगो को भी बतायेगा कि नियमित रूप से पानी टेंकरों के माध्यम से ईटीपी प्लांट पर भेजे। इस दौरान नगर निगम ने बताया कि निगम प्रशासन ने कुछ ऐसे उद्योगो को चिन्हित किया है जो मनमानी करते है । हमने उनकी सूची तैयार कर ली है पहले उन्हें कान्ह नदी में प्रदूषित पानी नही छोडे जाने की हिदायत देंगे इसके बाद उन पर सख्त कार्रवाई करेंगे।
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