इंदौर। शादी समारोह, मांगलिक कार्यों, सामाजिक, धार्मिक एवं राजनीतिक कार्यों में बैंडबाजा बजाकर माहौल बनाने वालों ने अब रियायत की मांग की। मध्यप्रदेश सरकार के कड़े नियमों का हवाला देते हुए रोजी-रोटी छिनने और उद्योग खत्म होने की दुहाई देकर नियमों को शिथिल किए जाने की मांग की गई है।
मध्यप्रदेश के अंदर धार्मिक स्थलों से ध्वनि विस्तारक यंत्रों को हटाए जाने के बाद बैंडबाजा और साउंड को लेकर नियम तय कर दिए गए हैं। कितनी आवाज में इनका उपयोग किया जा सकेगा, इसकी जानकारी भी एसोसिएशन को दे दी गई है, लेकिन इन कड़े नियमों के कारण ध्वनि विस्तारक यंत्रों के माध्यम से रोजी-रोटी कमाने वालों के सामने जीवन-यापन का प्रश्न खड़ा हो गया है, जिसे लेकर कल इंदौर चलित साउंड एसोसिएशन ने नियमों को शिथिल किए जाने के लिए ज्ञापन दिया। अध्यक्ष प्रकाश पाटीदार व महामंत्री निक्की नायक ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए सामान जब्त किए जाने की कार्रवाई को रोकने की मांग की। उन्होंने कहा कि समारोह में गाना गा-बजाकर वे जीवन-यापन करते हैं, जिसके लिए ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग किया जाता है। अपने आप में यह एक बड़ा उद्योग है और इस उद्योग को खत्म कर जब्ती की कार्रवाई की जा रही है, जिसे रोका जाना चाहिए। लिखित आवेदन में अनुमति लिए जाने का उल्लेख करते हुए बताया कि एसडीएम कार्यालय और पुलिस प्रशासन से धक्के ही नसीब होते हैं।
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