इंदौर। शासकीय संस्कृत महाविद्यालय में ज्योतिष एवं वास्तु विषय पर आधारित राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी 7 जनवरी को होगी। इसमें देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्राध्यापक, शोधार्थी तथा ज्योतिष, वास्तु के विद्वान समसामयिक विषयों पर शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे। ज्योतिष को लेकर कई प्रकार के भ्रम आमजन में रहते हैं। इन्हें दूर करने के लिए देश के विभिन्न राज्यों के जानकार इंदौर में होने वाली राष्ट्रीय संगोष्ठी में अपने विचार रखेंगे।
संगोष्ठी के संयोजक पं. योगेंद्र महंत, समन्वयक डॉ. अभिषेक पांडेय ने बताया कि इंदौर के तपस्वी संतों के सान्निध्य में आयोजन चलेगा। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय रहेंगे। मुख्यवक्ता महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान के चेयरमैन भरत बैरागी (राज्यमंत्री दर्जा) तथा संस्कृत भारती के मध्यक्षेत्र के संगठन मंत्री प्रमोद पंडित रहेंगे। अध्यक्षता महर्षि पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विजय मेनन करेंगे। विशेष अतिथि सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, स्थानीय विधायक गोलू शुक्ला एवं प्राचार्य डॉ. तृप्ति जोशी रहेंगी। समापन सत्र के मुख्य अतिथि तिरुपति विश्वविद्यालय के आचार्य कृष्णकांत भार्गव रहेंगे। सारस्वत अतिथि लालबहादुर शास्त्री विवि दिल्ली के कुलपति डॉ. मुरलीमनोहर पाठक होंगे। अध्यक्षता पं. सत्यनारायण सत्तन करेंगे। विशेष अतिथि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलपति रेणु जैन, अतिरिक्त संचालक डॉ. किरण सलूजा, मप्र ज्योतिष संघ के अध्यक्ष रामचंद्र शर्मा वैदिक, संगोष्ठी निदेशक डॉ. विनायक पांडेय, कृपाराम उपाध्याय (भोपाल) आदि रहेंगे।
अलग-अलग सत्र पर विषय वार मंथन
अब तक देश के विभिन्न प्रांत जैसे राजस्थान, हिमाचलप्रदेश, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा आदि से कई प्राध्यापकों, अनुसंधानकर्ताओं, ज्योतिषी आदि ने पंजीयन कराए हैं। संगोष्ठी में देश के विभिन्न शहरों और विश्वविद्यालयों से लगभग 400 ज्योतिषी तथा वास्तुविदों के सम्मिलित होने की संभावना है। इनमें से कई विद्वान तीन अलग-अलग सत्रों में विभिन्न विषयों पर अपने रिसर्च पेपर प्रस्तुत करेंगे। कार्यक्रम में देश के लगभग 34 पंचांग निर्माता भी अपने पंचांगों की विशिष्टता पर प्रकाश डालेंगे।
शकुन शास्त्र व कृष्णमूर्ति विद्या के जानकार आएंगे
सम्मेलन में स्वास्थ्य, रोजगार, शिक्षा, व्यापार, विवाह तथा स्मार्ट सिटी निर्माण और वास्तु जैसे विषयों के साथ ही ज्योतिष और वास्तु के संबंधित विभिन्न भ्रमों का निवारण भी किया जाएगा। इस अवसर पर विद्वानों द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले शोध पत्रों का प्रकाशन भी स्मारिका के रूप में किया जाएगा। आयोजन में ज्योतिष की विभिन्न विधाओं जैसे फलित ज्योतिष, चिकित्सा ज्योतिष, अंकशास्त्र, हस्तरेखाशास्त्र, शकुनशास्त्र, कृष्णमूर्ति पद्धति, फेंगशुई, टैरोकार्ड, रमलशास्त्र, वास्तुशास्त्र के देशभर के मूर्धन्य विद्वान सम्मिलित होंगे।
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