नई दिल्ली: अरब सागर (Arabian Sea) में व्यापारिक जहाजों पर बढ़ते हमलों के बाद भारतीय नौसेना (Indian Navy) ने निगरानी बढ़ा दी है. नौसेना ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए हैं और क्षेत्र में रविवार को ‘डिस्ट्रॉयर’ और ‘फ्रिगेट्स’ वाले वर्क फोर्स को तैनात किया है. अदन की खाड़ी और मध्य/उत्तरी अरब सागर में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग लेन से गुजरने वाले व्यापारिक जहाजों पर हमलों के कई मामले सामने आए हैं. इन घटनाओं को ध्यान में रखते हुए इस तरह के फैसले लिए गए हैं. इजरायल – हमास युद्ध के बाद अरब सागर में लगातार व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाया जा रहा है. यह क्षेत्र भारत के लिए व्यापारिक दृष्टि से भी काफी महत्त्वपूर्ण है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि वर्क फोर्स को समुद्री सुरक्षा अभियान चलाने और किसी भी घटना की स्थिति में व्यापारी जहाजों को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए तैनात किया गया है. नौसेना ने यह निर्णय लाल सागर, अदन की खाड़ी और मध्य अरब सागर में मालवाहक जहाजों पर हुए हमलों के बीच लिया है. जिन जहाजों को निशाना बनाया गया था उनमें एमवी केम प्लूटो भी शामिल था. इस घटना की जांच के लिए भारतीय नौसेना के आईएनएस मोरमुगाओ युद्धपोत को भेजा गया था. अमेरिका का दावा है कि ड्रोन हमला ईरान से किया गया था, जो भारत का अहम साझेदार है.
नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि विशेष आर्थिक क्षेत्र की निगरानी के लिए नैसेना भारतीय तटरक्षक बल के साथ निकट समन्वय में काम कर रही है. हर तरफ समुद्र की सुरक्षा के मद्देनजर हवाई निगरानी बढ़ाई गई है. इसमें गश्ती विमान और आरपीए अहम भूमिका अदा कर रहे हैं. इसके साथ राष्ट्रीय समुद्री एजेंसियों के समन्वय से भारतीय नौसेना द्वारा हर स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. नौसेना ने कहा कि वह इस क्षेत्र में व्यापारिक जहाज की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
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