वॉशिंगटन। हमास और इस्राइल के बीच दो माह से अधिक समय से जंग जारी है। युद्ध में अब तक दोनों पक्षों के हजारों लोगों की मौत हो गई है। जहां इस्राइल ने हमास को पूरी तरह खत्म करने का संकल्प लिया है। वहीं, अब आतंकी समूह भी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। फिलहाल, न तो जंग की रफ्तार कम हो रही है और न ही लोगों की जान की परवाह की जा रही है।
इस बीच, अमेरिका ने फिर इस्राइल की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है। राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने संसदीय समिति से मंजूरी लिए बिना ही इस्राइल को करीब 15 करोड़ डॉलर के सैन्य उपकरण तुरंत देने की अनुमति दी है। वहीं, एक रिपोर्ट की माने तो इस महीने के भीतर दूसरी बार ऐसा किया गया है।
विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को इस सौदे के बारे में खुलासा किया। बताया गया कि विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सांसदों को अपने फैसले से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि इस्राइल को 155 मिमी के गोले बनाने में काम आने वाले सामानों को तुरंत सौंपने की अनुमति दी गई है।
इस्राइल की रक्षात्मक आवश्यकताओं की तात्कालिकता का हवाला देते हुए प्रवक्ता ने समझाया, ‘सचिव ने संसदीय समिति को जानकारी दी कि इन सामानों को तुरंत भेजना जरूरी था, इसलिए यह झटपट निर्णय लिया। उन्होंने अपने अधिकार का उपयोग करके इस फैसले को अंतिम मुहर दी।’
प्रवक्ता ने बताया कि पिछली ब्रिकी में इन अतिरिक्त वस्तुओं को जोड़ा गया है, जिससे बिक्री का कुल मूल्य बढ़कर 147.5 मिलियन डॉलर यानी करीब 15 करोड़ डॉलर हो गया।
इस महीने की शुरुआत में, बाइडन प्रशासन ने आमतौर पर संसदीय समितियों को दी जाने वाली मानक 20-दिवसीय समीक्षा अवधि को दरकिनार करते हुए इस्राइल को हजारों युद्ध सामग्री की बिक्री में तेजी लाई। निगरानी समितियों को भेजी गई आपातकालीन घोषणा में इस्राइल को 13,000 से अधिक टैंक गोले देने की जानकारी दी गई थी।
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