नई दिल्ली (New Delhi) । आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (Terrorist organization Lashkar-e-Taiba) के संस्थापक हाफिज सईद (Hafiz Saeed) का बेटा तल्हा सईद (son talha saeed) पाकिस्तान (Pakistan) में चुनाव (Election) लड़ने जा रहा है। भारत ने इसे लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। नई दिल्ली की ओर से कहा गया कि उस देश में कट्टरपंथी आतंकवादी संगठनों को मुख्यधारा में आना कोई नई बात नहीं है और यह लंबे समय से उसकी सरकारी नीति का हिस्सा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘हमने इस संबंध में कुछ खबरें देखी हैं। यह एक आंतरिक मामला है।’ मालूम हो कि हाफिज सईद 2008 के मुंबई आतंकी हमलों समेत ऐसे अनेक मामलों को लेकर भारत में वांटेड है।
अरिंदम बागची ने कहा कि वह किसी भी देश के आंतरिक मुद्दों पर आमतौर पर टिप्पणी नहीं करते हैं। हालांकि उन्होंने यह जरूर कहा कि पाकिस्तान में चरमपंथी आतंकवादी संगठनों का मुख्यधारा में शामिल होना कोई नई बात नहीं है और लंबे समय से यह उसकी सरकारी नीति का हिस्सा रहा है। उन्होंने कहा, ‘इस तरह के घटनाक्रम का क्षेत्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। हम निश्चित रूप से उन सभी घटनाक्रम पर नजर रखेंगे, जिनका हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव पड़ता है।’
हाफिज सईद को भारत लाने की कोशिश
बागची ने कहा कि आतंकवादी के प्रत्यर्पण के लिए कुछ दस्तावेजों के साथ पिछले दिनों इस्लामाबाद को अनुरोध भेजा गया। उन्होंने कहा कि हाल में प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध भेजा गया था। उन्होंने कहा, ‘जिसका जिक्र हो रहा है, वह भारत में कई मामलों में वांछित है। उसे संयुक्त राष्ट्र ने भी आतंकवादी घोषित किया है। इस संबंध में हमने प्रासंगिक जरूरी दस्तावेजों के साथ पाकिस्तान सरकार को उसे भारत प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया है, ताकि एक खास मामले में वह मुकदमा का सामना कर सके।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग ने कुछ सप्ताह पहले यह अनुरोध सौंपा था। प्रवक्ता ने कहा कि भारत, पाकिस्तान को सईद की गतिविधियों के बारे में बताता रहा है और वह भारत में वांछित है।
भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि नहीं
वहीं, पाकिस्तान ने पुष्टि की है कि भारत ने हाफिज सईद के प्रत्यर्पण की मांग की है। पाकिस्तानी विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि पाकिस्तान को भारतीय अधिकारियों से ‘तथाकथित धनशोधन मामले’ में सईद के प्रत्यर्पण की मांग करने वाला अनुरोध मिला है। उन्होंने कहा, ‘यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि पाकिस्तान और भारत के बीच कोई द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि मौजूद नहीं है।’ भारत का पाकिस्तान के साथ कोई प्रत्यर्पण समझौता नहीं है। हालांकि, मामले से वाकिफ लोगों ने कहा कि इस तरह के मसौदा समझौते के अभाव में भी प्रत्यर्पण संभव है।
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