कोटा: कोटा (quota) शहर में गुरुवार को कोचिंग टीचर (coaching teacher) की चलती बाइक पर हार्ट अटैक से मौत हो गई. महावीर नगर तृतीय निवासी सौरभ सक्सेना (Saurabh Saxena) (40) दोपहर 11:30 बजे लैंडमार्क स्थित कोचिंग संस्थान में पढ़ाकर घर लौट रहे थे. दादाबाड़ी चौराहे (Dadabadi intersection) पर बाइक से गिर पड़े. राहगीरों ने संभाला. सूचना पर पुलिस और परिजनों की मदद से सौरभ को दादाबाड़ी स्थित प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. मेडिकल कॉलेज अस्पताल भी लेकर गए, लेकिन वहां मौत की पुष्टि कर डॉक्टरों ने शव परिजनों को सौंप दिया.
सौरभ सक्सेना सुबह 9:00 बजे करीब कोचिंग के लिए निकले थे. करीब 11:15 बजे किसी ने फोन कर संस्थान को सौरभ को अटैक आने की जानकारी दी. लोगों ने बताया कि दादाबाड़ी चौराहे पर गणेश जी मंदिर के निकट सौरभ को बाइक चलाते समय घबराहट होने लगी तो वह बाइक सड़क किनारे खड़ी कर दीवार के किनारे बैठ गए. मौके पर मौजूद लोगों ने 108 एंबुलेंस के जरिए सौरभ को प्राइवेट अस्पताल पहुंचाया. डॉक्टरों ने जांच के बाद हार्ट अटैक से मौत होने की जानकारी दी. मृतक सौरभ अपनी मां और छोटे भाई के साथ रहता था और अविवाहित था.
संस्थान में सूचना मिली तो किसी को विश्वास नहीं हुआ. स्टूडेंट्स भी हैरानी जाता रहे थे कि जो सर कुछ समय पहले पढ़ा रहे थे, अब दुनिया में नहीं रहेंगे. विश्वास करना मुश्किल था. कई स्टूडेंट्स भी अंतिम विदाई देने पहुंचे. फैकल्टी सौरभ सक्सेना के स्टूडेंट यूपी के हार्दिक सिंह ने बताया, कोचिंग में शाम 7:00 से 8:30 बजे सर हमें पढ़ाने आते थे. सौरभ सर जैसे ही क्लास में आते, सब बच्चे सनी देओल बोलकर चिल्लाने लगते. उसके बाद वह मुस्कुराते और कोई बात बच्चे बोल देते तो सर थोड़ा सीरियस दिखते और उसके बाद अचानक हंस देते. क्लास में सीरियस होकर अच्छे से पढ़ते थे और सब बच्चों के साथ हंसते-हंसाते क्लास पूरी करवा देते थे. स्टूडेंट्स के कठिन से कठिन से सवालों को सर आसानी से बोर्ड पर हल कर देते थे.
सर से एक बार एक बच्चे ने सवाल पूछा था, आपका फेवरेट एक्टर कौन-से हैं? सर ने कहा कि उनको सनी देओल पसंद है, तब से उनका नाम भी बच्चों ने सनी देओल ही रख दिया था, और तब से ही सर जब भी क्लास में रहते हम सब बच्चे सनी देओल सर के नाम से ही उन्हें बुलाते थे. कोचिंग में सौरव सर स्टूडेंट के साथ दोस्त की तरह रहते थे. स्टूडेंट्स उनकी क्लास में बोरिंग महसूस नहीं करते थे फिजिक्स के कई फार्मूले तो चुटकियों में समझा देते थे, जिन्हें स्टूडेंट भूलते नहीं.
सौरभ परिवार में सबसे बड़े थे. पिता एनके सक्सेना की मौत 2 साल पहले हो गई थी. वह जेके फैक्ट्री में कार्यरत थे. मां नीलू और एक छोटा भाई गौरव परिवार में है. परिवार की जिम्मेदारी सौरव संभालते थे. उन्होंने फिजिक्स में एमफिल की थी. करीब साढ़े 5 साल से कोचिंग में फैकल्टी थे. कुछ दिनों पहले मध्य प्रदेश में सगाई तय हुई थी और जल्द ही शादी होने वाली थी. हाल ही में परिवार के एक शादी समारोह में सौरभ ने साफा पहना था, तब मिलने वालों ने उनसे मजाकिया लहजे में कहा था कि आपकी फरवरी की तैयारी लग रही है. मगर अब सौरभ की मौत की सूचना से मां बेसुध हो गई है और छोटे भाई पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है.
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