इंदौर। कुछ समय पूर्व तत्कालीन शिवराज कैबिनेट ने जिस भोपाली बायपास को मंजूरी दी थी उसका निर्माण अब शीघ्र शुरू होने जा रहा है। 3 हजार करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस पश्चिमी रिंगरोड का फायदा भी इंदौर को मिलेगा। जबलपुर और नर्मदापुरम् आने-जाने का समय बचेगा, क्योंकि लगभग 25 किलोमीटर का फासला घटेगा, दूसरी तरफ मंडीदीप के औद्योगिक क्षेत्र से 23 किलोमीटर की इंदौर की दूरी घट जाएगी, जिससे पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र को भी फायदा मिलेगा।
इस 6 लेन के बायपास में एक रेलवे ओवरब्रिज, 15 अंडरपास और दो फ्लायओवर निर्मित किए जाएंगे और लगभग 430 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जमीन अधिग्रहण पर खर्च होगी। 41 किलोमीटर लम्बाई का यह पश्चिमी रिंग रोड यानी बायपास निर्मित होगा, जो कि मंडीदीप से शुरू होकर कोलार रोड को क्रॉस करते हुए रातीबड़, खजूरी सडक़ और फिर फंदा से इंदौर रोड से जुड़ जाएगा। दो से ढाई साल में इसका निर्माण पूर्ण होगा। इससे जबलपुर, नर्मदापुरम् और मंडीदीप की तरफ से आने वाले वाहनों को अब भोपाल शहर में प्रवेश नहीं करना पड़ेगा और उसके पहले ही वे मुड़ जाएंगे। अभी इंदौर रोड जाने के लिए बड़े वाहनों को 52 किलोमीटर का बायपास पार करना पड़ता है। कोलार व हुजूर के लिए मौजूदा सीहोर रोड के साथ बेरागढ़ से इंदौर रोड के आवाजाही का रास्ता तो अभी है, वहीं राजधानी की रिंग रोड इसके निर्माण से कुल 93 किलोमीटर लम्बी हो जाएगी।
इस पश्चिमी रिंग रोड के निर्माण के लिए लगभग 600 एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी, जिसमें से 500 एकड़ से ज्यादा निजी जमीनों का अधिग्रहण करना पड़ेगा। वहीं इससे 85 जुड़े हुए गांवों को भी फायदा होगा, क्योंकि उनके बीच आवागमन आसान हो जाएगा। वहीं मंडीदीप औद्योगिक क्षेत्र इंदौर के पास स्थित पीथमपुर से भी जुड़ जाएगा, क्योंकि इससे 23 किलोमीटर की दूरी मंडीदीप से इंदौर की घट जाएगी। इंदौर-भोपाल की यात्रा भी आसान होगी। हालांकि कुछ समय पूर्व इंदौर-भोपाल एक्सप्रेस हाईवे के निर्माण की भी योजना बनी। अभी सिक्स लेन बायपास से इंदौर-भोपाल की दूरी भी घटेगी और समय भी कम लगेगा। एक निर्णय यह भी लिया गया था कि अभी जो इंदौर-भोपाल फोर लेन है उसी को सिक्स लेन में परिवर्तन कर दिया जाए, ताकि नए एक्सप्रेस-वे की जरूरत ना पड़े और इस पर लगभग 1200 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया गया था, जबकि नए एक्सप्रेस-वे की लागत 4200 करोड़ रुपए से अधिक आंकी गई थी। फिलहाल तो 3 हजार करोड़ रुपए के इस 41 किलोमीटर लम्बे पश्चिमी रिंग रोड के निर्माण से दोनों औद्योगिक क्षेत्रों को अच्छा-खासा फायदा होगा।
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