ओंकारेश्वर गए थे दर्शन के लिए, इंदौर रुककर जबलपुर रवाना हुए
इंदौर। मोदी मंत्रिमंडल का हिस्सा रहे तथा वर्तमान में प्रदेश सरकार के मंत्री प्रहलाद पटेल कल अचानक इंदौर पहुंचे। निजी यात्रा पर निकले पटेल ने मोदी सरकार की तारीफों के खूब पूल बांधे और कहा कि महिला सशक्तिकरण के जो काम अभी तक नहीं हुए थे वे अब हुए हैं। उन्होंने राजनीति के तीन सूत्र भी बताए और कहा कि सदन में मैं इसी प्रकार की राजनीति करता हूं।
मंत्री बनने के बाद प्रहलाद पटेल कल ओंकारेश्वर पहुंचे थे। वहां से दर्शन कर इंदौर होकर जबलपुर जा रहे थे। ओंकारेश्वर में वे एक धार्मिक आयोजन में भी शामिल हुए। यहां बापट चौराहे पर एक उद्योगपति के यहां रात्रि भोज के लिए रुके। उनके साथ लंबा-चौड़ा काफिला भी था। मंत्री बनने के बाद पहली बार इंदौर आए प्रहलाद पटेल ने मीडिया से भी खुलकर चर्चा की। उनके साथ आईडीए अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा और एमपीसीए मैनेजिंग कमेटी के सदस्य राजू चौहान भी थे। उन्होंने कहा कि हम महिलाओं को सर्वाेच्च तक ले जाएंगे। मोदी सरकार ने महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में जो काम किया है वो आज तक कोई नहीं कर सका। हमारे बच्चों की जिंदगी हमसे बेहतर हो और हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी किसान को सम्मान मिले और उसकी मेहनत का सही दाम मिले, यह हमारे विजन के रूप में है। उन्होंने कहा कि मेरे श्रद्धेय नेता कहते थे कि सदन के लिए मर्यादित रहो, साथ में अनुशासित रहो और सदैव स्वराज के लिए काम करते रहो। राजनीति के यही सूत्र हैं और मैं इन्हीं पर चलता हूं। उन्होंने कहा कि पिछली लोकसभा में प्रदेश में हम 29 में से 28 सीटें जीते थे। अब हमने बची हुई एक सीट को जिताने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि इसका आकलन मंैने पहले ही कर दिया था और कहा था कि 2003 फिर से दोहराया जाएगा। उन्होंने प्रदेश में मंत्रियों के विभाग बंटवारे के प्रश्न पर कहा कि जल्द ही मंत्रियों को विभाग दे दिए जाएंगे। राहुल गांधी की न्याय यात्रा पर भी उन्होंने कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि जिसकी साख खत्म हो जाती है, उस पर कोई विश्वास नहीं करता। यही राहुल गांधी के साथ हो रहा है। मोदीजी पर लोगों को विश्वास है। मां नर्मदा को लेकर उन्होंने कहा कि मैं कभी इस मामले में राजनीति नहीं करता और इसे अपनी निजता तक सीमित रखना चाहता हंू। उन्होंने यह भी कहा कि हम नर्मदा से लेना चाहते हैं, लेकिन देना नहीं चाहते। हमें थोड़ा देने की आदत भी होना चाहिए। पटेल के साथ बड़ी संख्या में वाहनों का काफिला था। पटेल यहां से रात में ही जबलपुर की ओर रवाना हो गए।
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