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    इनकम टैक्स बचाने के लिए अगर आपने की है ये गड़बड़ी तो आने वाली है नोटिस

  • December 27, 2023

    नई दिल्‍ली (New Dehli) । आयकर (Income tax)बचाने के लिए मकान किराया भत्ता, स्वास्थ्य बीमा, होम लोन पर खर्च, 80-सी के तहत कर बचत निवेश (Investment)में गड़बड़ी करने वालों को आयकर विभाग (Income tax department)ने नोटिस भेजना (Send)शुरू कर दिया है। इसके लिए विभाग ने अपना पुराना हथियार धारा 133-सी अपनाया है। इस माह की शुरुआत में ही मुंबई, दिल्ली और अन्य शहरों की बड़ी कंपनियों को नोटिस भेजे गए हैं। जानकार बताते हैं कि जिन कंपनियों को नोटिस मिला है, उन्हें तुरंत जवाब देना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर जुर्माने का प्रावधान है। इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए।

    क्या है धारा 133सी

    धारा 133सी टैक्स अफसरों को विवरण सत्यापित करने के लिए जानकारी मांगने का अधिकार देती है। इस प्रक्रिया से वाकिफ लोगों ने ईटी को बताया कि कंपनियों से या तो ‘कन्फर्म द इन्फार्मेशन’ करने या ‘एक सुधार विवरण प्रस्तुत करने’ के लिए कहा जा रहा है। आयकर विभाग का उद्देश्य उन मामलों को ट्रैक करना है, जहां या तो कंपनी ने अपेक्षा से कम टीडीएस काटा है या कर्मचारी अतिरिक्त निवेश घोषणाओं के माध्यम से रिफंड का दावा कर रहे हैं, जो साल के दौरान पहले नहीं बताया गया था, लेकिन बाद में आईटीआर (ITR) को अंतिम रूप देते समय शामिल किया गया था।


    धारा 133 सी का हुआ है अब तक बहुत कम उपयोग

    एसिर कंसल्टिंग के मैनेजिंग पार्टनर राहुल गर्ग ने कहा, “2014-15 में शुरू की गई धारा 133 सी का अब तक बहुत कम उपयोग किया गया है, लेकिन हाल ही में कई कंपनियों को इस धारा के तहत नोटिस मिले हैं।” गर्ग के अनुसार यह महत्वपूर्ण है कि कंपनी या कर्मचारियों के स्तर पर केवल सही मामलों को ही जांच के लिए उठाया जाए।

    उन्होंने बताया, “यह नियोक्ता यानी टीडीएस काटने वालों के स्तर पर सही वेरिफिकेशन, करदाताओं द्वारा सही क्लेम, टैक्स कलेक्शन में इजाफा और पुराने व नए टैक्स रिजीम के निष्पक्ष चयन के जरिए कर अनुपालन के प्रति अधिक सतर्क दृष्टिकोण में मदद कर सकता है।

    कंपनियों की जिम्मेदारी: टीडीएस की सही गणना करे: गर्ग ने कहा, ” कानून नियोक्ता पर यह जिम्मेदारी डालता है कि वह अपने द्वारा काम पर रखे गए व्यक्तियों के टीडीएस की सही गणना करे और हर तिमाही में इसकी रिपोर्ट करे, लेकिन परंपरागत रूप से कंपनियों का ध्यान कर्मचारियों द्वारा घोषणाओं को बारीकी से वेरिफाई करने पर नहीं रहा है। कुछ मामलों में कर्मचारी समय पर वास्तविक दस्तावेज जमा नहीं करते हैं। इसके अलावा, कई सॉफ्टवेयर कंपनियां हैं, जिन्हें कंपनियां आमतौर पर पेरोल जॉब आउटसोर्स करती हैं।”

    अगर कर्मचारी फर्जी दावे करते हैं तो क्या होगा

    सीए फर्म जयंतीलाल ठक्कर एंड कंपनी के पार्टनर राजेश पी शाह ने कहा कि अगर कर्मचारी फर्जी दावे करते हैं और कंपनियां उनका समर्थन करती हैं तो टैक्स ऑफिस सिस्टम में अंतर आसानी से दिखाई नहीं देगा, लेकिन जानकारी के दो सेटों के बीच कोई भी अंतर तुरंत देखा जाएगा। हालांकि, यदि कोई मामला टैक्स ऑफिस द्वारा उठाया जाता है तो प्रबल संभावना है कि वह सभी कर्मचारियों के रिकॉर्ड की जांच करेगा।

    आवेदन में सुधार के लिए नया फॉर्म

    टीडीएस क्रेडिट में गड़बड़ी को अब आसानी से सुधार सकेंगे। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अगस्त में नया इलेक्ट्रॉनिक एप्लीकेशन फॉर्म 71 जारी किया था। अगर, टीडीएस गलत साल में कटा है, तो आप इस फॉर्म के जरिए वर्ष बदलवाकर रिफंड का दावा कर सकते हैं। इसके लिए आयकर अधिनियम, 1962 में संशोधन किया गया है। इस फॉर्म के जरिए आप पिछले दो वर्ष की जानकारी ही अपडेट करा सकेंगे।
    यहां से नया फॉर्म डाउनलोड करें : आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल https://www.incometax.gov.in/ पर जाकर फॉर्म 71 डाउनलोड कर सकते हैं। फॉर्म में आपको आयकर घोषणा से संबंधित पूरी जानकारी दर्ज करनी होगी।

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