नई दिल्ली । खेल मंत्रालय (Sports Ministry) ने रविवार को भारतीय कुश्ती संघ ( Indian Wrestling Association) को अगले आदेश तक निलंबित (Suspended) कर दिया है। इस फैसले का पहलवान बजरंग पूनिया (wrestler bajrang punia) ने स्वागत किया है। पूनिया ने कहा, सैनिकों और खिलाड़ियों से ज्यादा कोई भी मेहनत नहीं करता। हमें देशद्रोही (terrorist) कहा गया लेकिन हम ऐसे नहीं हैं। हम अपने तिरंगे के लिए खून पसीना बहाते हैं। हमें जीतने पर पुरस्कार मिलता है। हम उसे वापस ले सकते हैं। हम सम्मान वापस ग्रहण करेंगे। साक्षी के संन्यास से लौटने पर मैं कुछ नहीं कह सकता। पूनिया ने कहा कि संघ खिलाड़ियों की मदद के लिए बनाई जाती है, उन्हें परेशान करने के लिए नहीं। हम निष्पक्ष चुनाव चाहते हैं। हमने सरकार के लोगों से भी सहायता मांगी। महिला सांसदों को भी खत लिखा था, लेकिन कोई सहायता नहीं मिली। विपक्ष ने हमारा साथ दिया।
सरकार ने बिल्कुल सही फैसला लिया
पहलवान बजरंग पूनिया ने कहा, ‘सरकार ने बिल्कुल सही फैसला लिया है। हमारे ऊपर कई इल्जाम लगाए गए, राजनीति की गई। जब हम पदक जीतते हैं तो देश के होते हैं। खिलाड़ी कभी भी जात-पात नहीं देखते। एक साथ एक थाली में खाते हैं। पूनिया ने कहा हमारी बहन-बेटियों के साथ जो अत्याचार हो रहे हैं उसके खिलाफ संबंधित लोगों को हटाया जाना चाहिए।
महासंघ अगले आदेश तक निलंबित
खेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘नए निकाय ने डब्ल्यूएफआई संविधान का पालन नहीं किया। महासंघ अगले आदेश तक निलंबित रहेगा। डब्ल्यूएफआई कुश्ती के दैनिक कामकाम को नहीं देखेगा। उन्हें उचित प्रक्रिया और नियमों का पालन करने की जरूरत है।” विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के साथ बृजभूषण के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व करने वाले शीर्ष पहलवान बजरंग पूनिया ने पूर्व अध्यक्ष के विश्वासपात्र संजय सिंह के डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बनने के विरोध में शुक्रवार को अपना पद्मश्री पुरस्कार सरकार को लौटा दिया था। इससे एक दिन पहले साक्षी ने भी कुश्ती को अलविदा कह दिया था।
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