नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्र सरकार ने पैन-आधार (PAN-Aadhar Linking) को देरी से लिंक कराने वालों से अब तक 2,125 करोड़ रुपये पेनल्टी की वसूली की है. 30 जून 2023 मुफ्त में पैन-आधार लिंक (PAN-Aadhar Linking) करने की आखिरी तारीख थी. इसके बाद जिन लोगों ने पैन-आधार लिंक कराया है उनमें से हर पैन कार्ड होल्डर से सरकार ने 1,000 रुपये पेनल्टी वसूलने के बाद पैन-आधार लिंक किया है. सरकार ने संसद में बताया कि एक जुलाई 2023 के बाद कुल 2.125 करोड़ पैन -आधार लिंक कराने वालों से उसने 2,125 करोड़ रुपये रकम की वसूली की है.
पैन कार्ड नहीं हुए हैं डीएक्टिवेट
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान राज्यसभा सांसद फूलो देवी नेताम ने प्रश्नकाल में वित्त मंत्री से सवाल किया कि 30 जून 2023 तक कितने लोगों ने अपने पैन कार्ड को आधार नंबर के साथ लिंक किया है? साथ ही पैन-आधार नहीं करने के चलते कितने लोगों के पैन कार्ड को डिएक्टिवेट किया गया है. इस सवाल का लिखित में जवाब देते हुए वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने कहा, 30 जून तक 54,67,74,649 पैन कार्ड को आधार के साथ लिंक किया गया है. वित्त राज्य मंत्री ने बताया कि किसी भी पैन कार्ड को डीएक्टिवेट नहीं किया गया है. अगर पैन को आधार के साथ लिंक नहीं किया गया है तो पैन केवल इनऑपरेटिव हो गया है.
पैन-आधार लिंक करने पर रिफंड नहीं
पैन-आधार को लिंक नहीं किए जाने पर की जाने वाली कार्रवाई की जानकारी देते हुए वित्त राज्य मंत्री ने बताया, पैन को आधार के साथ लिंक नहीं करने पर पैन के इनऑपरेटिव होने के बाद टैक्सपेयर को कोई टैक्स रिफंड बकाये का भुगतान नहीं किया जाता है.
पैन के इनऑपरेटिव रहने के अवधि के लिए रिफंड पर ब्याज का भुगतान भी नहीं किया जाता है. अगर टैक्सपेयर पर कोई टैक्स बनता है तो उससे ज्यादा रेट पर टैक्स की वसूली की जाती है. एक अनुमान के मुताबिक देश में 70 करोड़ के करीब पैन कार्ड धारक हैं जिसमें से अभी तक 60 करोड़ पैन कार्ड धारक ने ही पैन-आधार को लिंक किया है जिसमें से 2.125 करोड़ ने पेनल्टी देकर लिंक किया है.
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