नीमच (Neemuch)। विशेष न्यायाधीश अजयकुमार टेलर (Special Judge Ajaykumar Taylor) ने अनुसूचित जनजाति वर्ग की 14 वर्षीय नाबालिग पीड़िता का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म (Kidnapping and raping a minor) करने वाले सोनूदास पिता कैलाशदास बैरागी (28), निवासी खिलचीपुरा मंदसौर को धारा 363 भारतीय दंड संहिता, 1860 के अंतर्गत तीन वर्ष का सश्रम कारावास एवं 3000 रुपये अर्थदंड, धारा 366 भारतीय दंड संहिता, 1860 के अंतर्गत सात वर्ष का सश्रम कारावास एवं 7000 रुपये अर्थदंड, धारा 376 (3) भारतीय दंड संहिता, 1860 के अंतर्गत आजीवन कारावास एवं 50000 रुपये अर्थदंड, धारा 5 (एल)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के अंतर्गत आजीवन कारावास एवं 50000 रुपये अर्थदंड, धारा 3(2) (अ) जाति/जनजाति अनुसूचित (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के अंतर्गत आजीवन कारावास एवं 50000 रुपये अर्थदंड तथा धारा 3(2) (अं) जाति/जनजाति अनुसूचित (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के अंतर्गत तीन वर्ष का सश्रम कारावास एवं 3000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।
पीड़िता ने बताया कि सोनू उसे शादी करने का झांसा देकर बहला-फुसलाकर अपहरण करके ग्राम खिलचीपुरा (मंदसौर) ले गया था। जहां उसे अपने घर में रखा तथा उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। विवेचना के दौरान आरोपी को गिरफ्तार कर एवं पीड़िता का मेडिकल कराकर उम्र के संबंध में आवश्यक साक्ष्य एकत्रित किए गए। न्यायालय ने मामले की सुनवाई के बाद आरोपी को दोषी करार दिया और अलग-अलग धाराओं में तिहरा आजीवन कारावास दिया। अर्थदंड की संपूर्ण राशि 1 लाख 63 हजार रुपये पीड़िता को प्रतिकर के रूप में प्रदान करने का आदेश भी दिया गया।
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