नई दिल्ली (New Delhi)। लोगों से ठगी के लिए साइबर अपराधियों का नया पैंतरा सामने आया है. जिसमें अपराधियों द्वारा आधार से लिंक (Link to Aadhaar) होने वाले फिंगर प्रिंट का क्लोन बनाकर साइबर ठगी (Cyber fraud by cloning finger print) कर लोगों के खाते से पैसे उड़ाए जा रहे हैं. इसकी शिकायत पर साइबर क्राइम ब्रांच (cyber crime branch) मामले की जांच कर रही है.
दरअसल, इस साल बिहार पुलिस ने एक स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया. इसके बाद दो लोगों को गिरफ्तार किया, जिनके पास से 512 क्लोन फिंगरप्रिंट बरामद किए. इन फेक थंप इंप्रेशन को प्लास्टिक के अंगूठे पर तैयार किया था. स्कैमर्स उन लोगों को शिकार बनाते थे, जो कम पढ़े लिखे हैं और आधार इनेबल पेमेंट सिस्टम (AePS) का यूज़ करते हैं.
क्या है AePS सिस्टम?
दरअसल, आधार इनेबल पेमेंट सिस्टम (AePS) को साल 2014 में लॉन्च किया था. इस सर्विस का मकसद उन भारतीय लोगों को फायदा पहुंचाना था, जिन लोगों के गांव में या आसपास कोई बैंक की ब्रांच नहीं होती है. वे लोग आधार इनेबल पेमेंट सिस्टम (AePS) सर्विस का फायदा उठा सकते हैं और नजदीकी साइबर कैफे या जन सुविधा केंद्र जाकर रुपये ले सकते हैं.
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