नई दिल्ली (New Delhi)। संसद भवन की सुरक्षा में सेंध (Parliament Security Breach) लगाने वाले आरोपी मनोरंजन डी (Accused Manoranjan D) व नीलम (Neelam) राजनीति में कदम रखना चाहते थे। इसके लिए वह मीडिया का सहारा लेकर सुर्खियों (Headlines with the help of media) में आना चाहते थे, ताकि उनकी पहचान बन सके। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल (Special cell of Delhi Police) की जांच में ये बात सामने आई है। दूसरी तरफ आरोपियों की साजिश से जल्द से जल्द पर्दा उठाने के लिए दिल्ली पुलिस की पूरी स्पेशल सेल को लगा दिया गया है। सेल की हर यूनिट को पूछताछ व जांच के एक-एक आरोपी को दिया गया है। कुछ आरोपियों की पुलिस रिमांड बृहस्पतिवार (आज) खत्म हो रही है। दिल्ली पुलिस आरोपियों को कोर्ट में पेश कर फिर से रिमांड मांगेगी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अभी तक साजिश की वजह सामने नहीं आई है। मामले की तह तक पहुंचने के लिए पूछताछ जारी है।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नीलम व मनोरंजन डी का कहना है कि वह ऐसा करना चाहते थे कि ताकि उनकी पहचान बन सके। इसके बाद वह जेल से बाहर आए और सभा का आयोजन करें तो उनका भाषण सुनने को भीड़ एकत्रित हो। नीलम कांग्रेस के लिए पहले वोट मांग चुकी हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आरोपियों के पास कुल पांच स्मोक केन थे। सागर व मनोरंजन डी एक-एक अंदर ले गए। नीलम व अमोल शिंद तीन ले गए। इन्होंने दो चला दिए थे, मगर एक को चला नहीं पाए थे। दूसरी तरफ पुलिस ने संसद भवन से सीसीटीवी फुटेज ले ली है। उसे पता लग रहा है कि वह विजिटर गैलरी में 10 से 15 मिनट रुके थे।
अधिकारियों के अनुसार, ललित झा ने मौके से फरार होने के बाद किसी को वीडियो व फुटेज नहीं भेजे थे। उसने वीडियो व फोटो अपने इंस्टाग्राम पर डाल दिए थे। पुलिस को जांंच में पता लगा है कि आरोपी जब रेकी करने नई संसद के अंदर गए थे, तभी उन्हें पता लगा कि जूतों की चेकिंग नहीं होती है। ऐसे में वह जूतों में स्मोक केन आसानी से छिपाकर ले जा सकते हैं। जल्द ही सांसद के निजी सचिव सागर से पूछताछ की जाएगी।
पूरी स्पेशल सेल को जांच में लगाया गया-
मामला देश की संसद व प्रतिष्ठा से जुड़ा हुआ हैं। ऐसे में दिल्ली पुलिस आरोपियों की साजिश से जल्द ही जल्द पर्दा उठाना चाहती है। इसलिए स्पेशल सेल की सभी यूनिट सदर्न रेंज, नार्दन रेंज, ट्रांस यमुना रेंज, साउथ-वेस्टर्न रेंज व एनडीआर रेंज को जांच में लगाया गया है। हर रेंज एक-एक आरोपी से पूछताछ व जांच कर रही है।
कुछ ऐसी थी प्लानिंग…
आरोपी दो साल से साजिश रच रहे थे।
आरोपियों की तीन से चार बैठकें हुई।
तय हुआ कि कुछ ऐसा किया जाए ताकि मीडिया कवरेज मिल सके।
अपनी बात को ठीक से रखने का तरीका ढूंढना भी तय हुआ।
संसद भवन के सामने भूख हड़ताल के विकल्प पर भी विचार किया।
संसद में घुसकर भाषणबाजी पर भी किया गया विचार।
बैठक में तय हुआ कि संसद के अंदर स्मोक केन चलाएंगे।
अंदर स्मोक केन चलाना तय होने के बाद रेकी की गई।
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