इंदौर। शहर की पश्चिमी रिंग रोड बनाने की तैयारियां तेजी से शुरू कर दी गई हैं। नेशनल हाईवेज अथॉरिटी आफ इंडिया (एनएचएआई) ने महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए 2000 करोड़ रुपए में पश्चिमी हिस्सा बनाने के लिए दो पैकेज में टेंडर बुला लिए हैं। 64 किलोमीटर लंबी रोड का काम 32-32 किमी के पैकेज में होगा। इन हिस्सों के लिए क्रमश: 1000-1000 करोड़ रुपए के टेंडर मुख्यालय ने निर्माण कंपनियों से आमंत्रित किए हैं।
फिलहाल रिंग रोड छह लेन चौड़ी बनाई जाएगी। लंबे समय से शहरवासी पश्चिमी रिंग रोड के निर्माण की राह तक रहे हैं। एनएचएआई अफसरों का कहना है कि जिन निर्माण कंपनियों को सडक़ बनाने का ठेका मिलेगा, उन्हें दो साल में यह काम पूरा करना होगा। जल्द ही जिला प्रशासन रिंग रोड के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू करने वाला है। हालांकि कुछ जगह किसान सीमांकन का विरोध कर रहे हैं। पश्चिमी रिंग रोड के लिए 39 गांवों की 648 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है। इसके लिए एनएचएआई ने जिला प्रशासन से फरवरी-मार्च तक जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया पूरी करने का आग्रह किया है। माना जा रहा है कि प्रोजेक्ट की प्राथमिकता को देखते हुए तय समयसीमा में जमीन मिल जाएगी, जिस पर करीब 600 करोड़ के खर्च का अनुमान है। पश्चिमी रिंग रोड के लिए राज्य सरकार कुल जमीन में से 25 प्रतिशत जमीन एनएचएआई को मुफ्त उपलब्ध कराएगी।
मार्च तक फाइनल हो जाएंगे टेंडर
सूत्रों ने बताया कि मार्च तक दोनों पैकेज का काम लेने वाली कंपनियों के नाम तय हो जाएंगे। सामान्यत: एनएचएआई टेंडर जमा करने के लिए कंपनियों को 47 दिन का समय देती है, लेकिन कई बार कंपनियों के आग्रह पर समयसीमा एक-दो बार बढ़ाई जाती है। फिर भी मार्च तक हर हाल में कंपनी चुनने का लक्ष्य है।
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